चीन में बन रहे बांध से उत्तराखंड भारत और बांग्लादेश को भी खतरा।
हिमालय के सबसे बड़े बांध की योजना को चीन में स्वीकृति मिल गई है जिससे भारत और बांग्लादेश मैं कई खतरे हो सकते हैं।
आपको बता दें कि हाल के वर्षों में हिमालय क्षेत्र में पनबिजली परियोजना का विस्तार काफी तेजी से हुआ है विशेषज्ञ न कई बार चेतावनी भी दे चुके हैं।
अब इस संदर्भ में यह चिंता का विषय है कि हिमालय में सबसे बड़े बांध की योजना को चीन में स्वीकृति मिल गई है जो भारत की सीमा से बहुत नजदीक ही बनाया जाएगा ।
ऐसे में भारत-बांग्लादेश के लिए भी अनेक तरह के खतरे पैदा हो सकते हैं ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत में है और यह अलग-अलग नामों के अंतर्गत भारत और बांग्लादेश में बहती है। भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के बहुत पास इस नदी में एक बड़ा गिराव आता है। जिस वजह से यह पनबिजली योजना के लिए उपयुक्त माना गया है
अब चीन की योजना है कि इस परियोजना में इतनी अधिक पनबिजली बनाई जाए जो विश्व के हर एक पनबिजली योजना से अधिक होगा।
अब आपको बता दें कि इतने बड़े पनबिजली परियोजना से भूकंपीय क्षेत्र के बनने के ज्यादा खतरे हैं, तेज वर्षा के समय फ्लैश फ्लड का खतरा भी बढ़ जाएगा और गर्मियों के बाद भारत और बांग्लादेश में कम पानी मिलने की आशंका भी है।
साथ ही खेतों में उपजाऊ मिट्टी न पहुंचने की आशंका है और इसी तरह के कई गंभीर खतरे भारत और बांग्लादेश में उत्पन्न हो सकते हैं।
वहीं भारत में खुली लोकतांत्रिक बहस के कारण भविष्य की होने वाली समस्त समस्याओं की चेतावनी पहले से दी जाती है जिस वजह से सावधानी बरतने की प्रति भी भारत में जागरूकता दिखाई जाती है।
लेकिन भारत की अपेक्षा चीन इस परियोजना से होने वाले खतरों के बारे में कभी खुलकर सामने नहीं आ सकता है और देखा जाए तो इस परियोजना से चीन से अधिक भारत को खतरा है।
अब सवाल यह भी उठता है कि इस परियोजना की रिपोर्ट क्या भारत और बांग्लादेश को भी दिखाई जाएगी या नहीं ?