अब आपको बिहार वाला फील उत्तराखंड मैं भी महसूस करने को मिलेगा ,जैसे पूरा भारत अपनी संस्कृति को भुलाकर वेस्टर्न कल्चर की ओर अग्रसर है ठीक वैसे ही अब उत्तराखंड भी अपनी संस्कृति को भुला बिहारी रंग में रंगमय है। एक तरफ राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी इस बार इगास पर्व अपने गांव मे मनाने की मुहिम छेड़े हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पूर्व सीएम हरीश रावत की तर्ज पर अपने तीज त्यौहार भूलकर बिहारी वोट बैंक बटोरने की जिद मे हैं।
हालांकि इस बार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी छठ पर सीधे छुट्टी न घोषित करते हुए अपने अपर सचिव के माध्यम से जारी करवाया है जिसमें डरते डरते “सामान्य प्रशासन को लिखा है कि 2 नवंबर को छठ पर्व के अवसर पर प्रदेश प्रदेश में अवकाश घोषित किए जाने की अपेक्षा की गई है।
खेर उत्तराखंड की जनता को थोड़ी और खुशी इस बात से भी होती अगर मुख्यमंत्री साहब ऐसी ही पहल उत्तराखंड की संस्कृति और अपने बार त्योहारों के लिए भी करते ।
जिस तरीके से उत्तराखंड में बिहारी वोटरों की तादात बडी है उस लिहाज से अपने वोटरों को लुभाने के सीएम साहब का सराहनीय प्रयास वाकई में काबिले तारीफ है।
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