कोरोना जांच केंद्र में भारी खामियां, सीमावर्ती गांवो में फैल सकता है कोरोना संक्रमण
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिऐ लगाए गए लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के लाखों लोग देश के विभिन्न राज्यो में फंस गए थे, लेकिन अब सरकार द्वारा प्रवासी उत्तराखंड वासियों को वापस लाने की अनुमति दी गयी है। जिससे देश के विभिन्न हिस्सो से प्रवासी उत्तराखंडी वापस अपने घरों को आ रहे है। लेकिन साथ में कोरोना जैसी महामारी भी साथ लेकर आ रहे है। प्रवासी उत्तराखण्डियो की जांच के लिऐ धर्मावाला में कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है। जिससे बाहर से आने वाले प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग व सैंपलिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। जिससे संक्रमित व्यक्ति की पहचान की जा सके। लेकिन जिस जगह पर कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है, वह स्थान कोरोना जांच के लिऐ बिल्कुल भी उपयुक्त नही है। कोरोना जांच केंद्र पर भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही है। जिससे जांच कर रहे चिकित्सको पुलिसकर्मियों और स्थानीय ग्रामीण भी संक्रमण की चपेट में आ सकते है।
कोरोना सैंपलिंग केबिन बना शो पीस
कोरोना संक्रमित व्यक्ति की जांच के लिऐ धर्मावाला चैक पोस्ट पर कोरोना संक्रमित व्यक्तियो व संदिग्धों की सैंपलिंग के लिऐ केबिन बनाया गया है। लेकिन सैंपलिंग के लिऐ लगाया गया केबिन शो पीस साबित हो रहा है। केबिन सही जगह पर नही लगाया गया है। जिससे चिकित्सको को सैंपलिंग करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। केबिन में चिकित्सक नही बैठ सकते क्योंकि केबिन धूप वाली जगह पर लगाया गया है। जिससे केबिन बहुत गर्म हो जाता है और केबिन में चिकित्सको का दम घुटने लगता है। और गर्मी से अंदर केबिन में पीपीई ड्रेस पहने चिकित्सक का हाल बेहाल हो जाता है। जिस वजह से केबिन में बैठकर चिकित्सक सैंपलिंग नही कर पा रहे है। केबिन पूर्णतया बंद है, जिसमे बिल्कुल भी हवा अंदर नही जा सकती। इस वजह से चिकित्सको को खुले में ही बाहरी राज्यो से आने वाले प्रवासियों की जांच करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में खुले में सैंपलिंग करने से चिकित्सक पुलिसकर्मी भी संक्रमण की चपेट में आ सकते है।
साथ ही धर्मावाला चौक पर सड़क के किनारे ही कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है। जो कि उचित नही है। ऐसे में सीमावर्ती गांव टिमली, धर्मावाला, प्रतीतपुर, बाँसोंवाला, शाहपुर, कल्याणपुर, आदूवाला, बद्रीपुर मटक माजरी, कुल्हाल आदि गांवो में संक्रमण फैल सकता है। क्योंकि जिस चौक पर सड़क किनारे कोरोना जांच केंद्र बनाया गया है। वहां से इन गांवो के ग्रामीणों का आना जाना है। बाहर से आने वाले प्रवासियों की चौक पर ही खुले में थर्मल स्क्रीनिंग व सैंपलिंग की जा रही है। बाहरी राज्यो से आने वाले प्रवासी चौक पर खुले में घूम रहे है। ऐसे में बाहरी राज्यो से आने वाले लोग सड़क किनारे ही पेशाब व थूक भी रहे है और बैठते भी है। ऐसे में आसपास का क्षेत्र भी संक्रमित होने की संभावना है। आस-पास के ग्रामीण अक्सर इस चौक पर आते जाते रहते है। ग्रामीणों के पशु आदि भी इस स्थान पर घूमते रहते है। ऐसे में संक्रमण आस-पास के गांवो में आसानी से पहुंच जाऐगा और स्थानीय ग्रामीण भी संक्रमण की चपेट में आ जाऐंगे।
कोरोना प्रभावित राज्यो से आ रहे अधिकतर प्रवासी
धर्मावाला पुलिस चैक पोस्ट पर अधिकतर प्रवासी कोरोना प्रभावित राज्यो दिल्ली, मुंबई, गुजरात, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, आदि राज्यो से आ रहे है। जहां कोरोना संक्रमण चरम पर है। धर्मावाला चैक पोस्ट पर इन राज्यो से हजारो प्रवासी आ चुके है। कल मुंबई से आये उत्तरकाशी निवासी युवक की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी है। जिसकी जांच धर्मावाला में ही की गयी थी, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल है। साथ ही कई प्रवासियों के शरीर का तापमान सामान्य से अधिक पाया जा रहा है। जिसे चिकित्सको की चिंता बढ़ गयी है। चिकित्सको द्वारा आशंका जताई गयी है कि, ऐसे व्यक्ति जिनका तापमान सामान्य से अधिक है। वह कोरोना पॉजिटिव हो सकते है। ऐसे व्यक्तियों को चिकित्सा विभाग द्वारा क्वारंटाइन भी किया जा रहा है। लेकिन जिस स्थान पर कोरोना जांच की जा रही है। वह स्थान सीमावर्ती गांवो के लिऐ खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में अगर सीमावर्ती गांवो में संक्रमण फैल गया तो हालात बदतर हो सकते है। ऐसे में सरकार को चाहिऐ कि कोरोना जांच करने के लिऐ उपयुक्त स्थान की तलाश की जाये। जिससे निकटवर्ती गांवो को संक्रमण से बचाया जा सके।
दो सौ पचास से अधिक लोगो की हुयी है सैंपलिंग
बाहरी राज्यो से धर्मावाला चैक पोस्ट से हजारो लोग उत्तराखंड में आ चुके है। लेकिन अभी तक दो सौ पचास लोगो की ही सैंपलिंग की गयी है। जो कि चिंता का विषय है। हालांकि जिनकी सैंपलिंग नही हुयी है, उनका पुलिस द्वारा बॉन्ड भरवाकर होम क्वारंटाइन करवाया गया है। लेकिन जो लोग होम क्वारंटाइन है। उनमे से कितने लोग संक्रमित है इसके बारे में कहना मुश्किल है। लक्षण सामने आने पर ही ऐसे लोगो की पहचान हो पायेगी। जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है। क्योंकि चकराता, विकासनगर, सहसपुर विधानसभाओं में बाहरी राज्यो से आये पंद्रह सौ से अधिक लोगो की होम क्वारंटाइन किया गया है। जिनकी कोरोना जांच नही हुयी है व जिनकी जांच हुयी है उनकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।
धर्मावाला चैक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मी खतरे की जद में
बाहरी राज्यो से आने वाले प्रवासियों की स्वास्थ्य जांच क्वारंटाइन कराने व इनके आने जाने के लेखा-जोखा का जिम्मा पुलिस संभाले हुए है और हर व्यक्ति से पूछताछ पुलिस ही कर रही है। ऐसे में पुलिसकर्मियो को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सीमित संसाधनो में ही पुलिस मोर्चा संभाले है। जहां पुलिस चैक पोस्ट बनायी गयी है, वहां प्रवासी उत्तराखंडी खुले आम घूम रहे है। ऐसे में अगर संक्रमित व्यक्ति की चपेट में पुलिसकर्मी आ गए तो खतरा पैदा हो सकता है।