उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले 29 वर्षीय डॉक्टर कार्तिकेय श्रीवास्तव शनिवार देर रात एसआरएन अस्पताल के परिसर में खड़ी अपनी कार के अंदर मृत पाए गए। पुलिस को कार के अंदर एक सिरिंज और एनेस्थीसिया की दो शीशियां मिलीं। डीसीपी, गंगा नगर अभिषेक भारती ने बताया कि कार्तिकेय को उनके सहकर्मियों ने कार के अंदर बेहोशी की हालत में देखा और उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। डीसीपी भारती ने कहा कि जब उन्हें होश में नहीं लाया जा सका तो उनके सहकर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। उनके हाथ पर सूई का निशान था।
मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज उत्तराखंड के कोटद्वार निवासी डॉ. कार्तिकेय श्रीवास्तव (27) की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। परिजनों ने शक के आधार पर संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर समेत तीन पर हत्या का केस दर्ज कराया है। इनमें डॉक्टर की महिला मित्र समेत दो जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं। आरोप है कि तीनों उन्हें प्रताड़ित व अपमानित करते थे।
पुलिस जांच में जुटी है। रिपोर्ट डॉक्टर की जेल अधीक्षक बहन डॉ. अदिति श्रीवास्तव ने दर्ज कराई है। तहरीर में बताया है कि उनके भाई कार्तिकेय मेडिकल कॉलेज से डॉ. आर्थो में एमएस द्वितीय वर्ष के छात्र थे। आरोप लगाया कि जब वह जूनियर रेजीडेंट-1 थे, तब से ही द्वितीय वर्ष के सीनियर शिवम गुप्ता उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से परेशान करते थे।
इसके बारे में उन्होंने सचिन यादव, एसोसिएट प्रोफेसर (आर्थो) को बताया था। लेकिन, उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। बल्कि, उसके ही ऊपर नाराजगी जताते हुए दोनों हर दिन उनके भाई का उत्पीड़न करने लगे। यह जानते हुए कि उन्हें डीवीटी की समस्या है, 36 से 48 घंटे खड़े करके ड्यूटी कराई जाती थी। समस्या बताने पर उसे बेज्जत करके बाहर निकाल देते थे। एफआईआर के मुताबिक अतिरिक्त जेआर-2 अनामिका (नेत्र रोग विशेषज्ञ) लगभग एक वर्ष तक उनके भाई की मित्र रही। उन्होंने अचानक बात करना बंद कर दिया।
भाई ने कारण पूछा तो अपमानित करते हुए कहा कि वह किसी और के साथ है। इसके बाद भाई ने कभी भी उनसे बात नहीं की, लेकिन वह बीच- बीच में उसे फोन करती रही। बहन ने शक जताया कि शिवम गुप्ता, सचिन यादव तथा अनामिका ने उनके भाई की हत्या की। डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि तहरीर पर तीनों आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है।