क्या है मामला?
राज्य कर विभाग की जांच में सामने आया कि मिश्र धातु जैसे लोहा, तांबा और एल्युमिनियम से इंगट बनाने वाली और वर्क कांट्रेक्ट से जुड़ी ये कंपनियां दिल्ली व उत्तर प्रदेश की फर्जी फर्मों से कागज़ों पर खरीद दिखाकर फर्जी ITC क्लेम कर रही थीं।
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या तो उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त हो रहा था
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या फिर फर्जी ITC से अपनी कर देनदारी को समायोजित कर टैक्स बचाया जा रहा था
किसने की कार्रवाई?
यह कार्रवाई आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश पर की गई।
छापेमारी टीम का नेतृत्व संयुक्त आयुक्त आर.एल. वर्मा ने किया।
कार्रवाई करने वाली टीम में शामिल थे:
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उपायुक्त कार्तिकेय वर्मा
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सहायक आयुक्त अंजनी कुमार सिंह
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सुरेंद्र सिंह राणा
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मो. इमरान
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राज्य कर अधिकारी नितिन कुमार, अर्शित गोंदवाल और कुलदीप सिंह रावत
क्या मिला छापेमारी में?
जांच में पता चला कि कंपनियों ने फर्जी बिलों के माध्यम से करोड़ों रुपये का ITC हड़प लिया है।
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1.54 करोड़ रुपये की फर्जी ITC तुरंत जमा भी करा दी गई।
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विभाग ने चेताया है कि जांच अभी जारी है और कर चोरी की राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है।