दोषियों पर जुर्माना और पीड़ित परिवार को मुआवजा
अदालत ने तीनों दोषियों पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही अंकिता के परिजनों को ₹4 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
अदालत परिसर में भारी सुरक्षा, बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश
फैसले के दिन कोर्ट परिसर में भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। भीड़ ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हालात को संभाल लिया। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों से पुलिस बल बुलाया गया था और कोर्ट परिसर से 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू की गई थी। चार मजिस्ट्रेटों की तैनाती भी की गई थी।
परिजन फैसले से असंतुष्ट, हाईकोर्ट में करेंगे अपील
अंकिता भंडारी के माता-पिता ने कोर्ट के फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा:
“हमारी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी। हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।”
47 गवाहों की गवाही और 500 पन्नों की चार्जशीट
मामले की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को हुई थी। SIT जांच के बाद कोर्ट में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई। अभियोजन पक्ष ने कुल 47 गवाहों की गवाही कराई, जबकि 97 गवाहों की सूची तैयार की गई थी।
Ankita Bhandari Case Timeline: प्रमुख घटनाएं
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18 सितंबर 2022: अंकिता की हत्या कर शव चीला नहर में फेंका गया।
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20 सितंबर: पुलकित आर्य ने अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट राजस्व पुलिस को दी।
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22 सितंबर: मामला रेगुलर पुलिस को सौंपा गया, हत्या की धाराएं जोड़ी गईं।
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23 सितंबर: आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
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24 सितंबर: अंकिता का शव बरामद हुआ, एम्स ऋषिकेश में पोस्टमार्टम हुआ।
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26 सितंबर: पुलिस ने आरोपियों के साथ क्राइम सीन दोहराया।
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16 दिसंबर 2022: चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई।
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30 मई 2025: कोर्ट ने फैसला सुनाया, सभी आरोपी दोषी करार।
हत्या का कारण: अनैतिक कार्यों के लिए दबाव
जांच में सामने आया कि Pulkit Arya और उसके सहयोगी अंकिता पर रिजॉर्ट में अनैतिक कार्यों (illegal activities) में शामिल होने का दबाव बना रहे थे। जब अंकिता ने विरोध किया, तो 18 सितंबर की रात उसकी हत्या कर दी गई और शव को चीला नहर में फेंक दिया गया।
