रुद्रप्रयाग। नाबालिग के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने के आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश पोस्को ने आरोपी को 21 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है। साथ ही बाईस हजार रूपए अर्थदंड की सजा भी सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भी सुनाई है।
गत 4 जून को राजस्व पुलिस के पास पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज कराई गई थी, शिकायत में कहा गया था कि उसकी पुत्री के साथ आरोपी गौरव कुमार ने जबरन शारीरिक संबंध बनाया। शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई। तथा जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने मामले को राजस्व पुलिस से हटाकर रेगुलर पुलिस को सौंपा गया। विवेचना में पीड़िता का बयान, पीड़िता के माँ व पिता के बयान के साथ ही अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
घटनाक्रम के अनुसार एक जून को सांय पीड़िता की मां नदी में रेत लेने गई हुई थी, पीड़िता का भाई व पिता बाजार सामान लेने गए थे। वह अपनी बड़ी बहन के साथ घर पर थी। आरोपी की बहिन उसके घर आई व खेलने लगी। इस बीच आरोपी के घर दोनो खेलने चले गए, आरोपी ने अपनी बुआ की लड़की को सामान लेने बाहर भेजा, और पीडिता को कमरे में बंद कर जबरन शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया। पीड़िता की उम्र लगभग 13 वर्ष है।
विशेष न्यायाधीश पोस्को श्रीकांत पाण्डेय ने दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपी गौरव कुमार को दोषी मानते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3), 342, 506, एवं पोस्को अधिनियम की धारा 3/40 में दोषसिद्ध कर आरोपी को 21 वर्ष के कठोर कारावास एवं 22000 का अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की धनराशि जमा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है।