देहरादून। पुष्पांजलि इंफ्राटेक के नाम पर करोड़ों की ठगी कर फरार हुए बिल्डर दीपक मित्तल का एक और बड़ा लेनदेन सामने आया है। वर्ष 2020 में फरारी से ठीक पहले मित्तल ने देहरादून के पॉश इलाके राजपुर रोड स्थित अपना एक आलीशान बंगला मात्र 5 करोड़ रुपए में एक करीबी रिश्तेदार के नाम कर दिया था। अब यही बंगला 25 करोड़ रुपए की कीमत पर बाजार में बेचा जा रहा है।
5 करोड़ से सीधे 25 करोड़ – ट्रांजेक्शन या मनी लॉन्ड्रिंग?
राजपुर रोड का यह बंगला लगभग दो बीघा भूमि में फैला है और इसकी कीमत, जमीन की वैल्यू को देखते हुए भी, 5 करोड़ बहुत कम मानी जा रही है। यही कारण है कि इसे एक संदिग्ध ट्रांजेक्शन माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि मित्तल ने जानबूझकर इसे कम दाम पर बेचा ताकि ईडी की कार्रवाई से इसे बचाया जा सके।
ED की नज़रों से कैसे बचा यह बंगला?
जब दीपक मित्तल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई शुरू की थी, तो उनकी कई संपत्तियां अटैच कर दी गई थीं—ऑर्किड पार्क प्रोजेक्ट समेत निजी फ्लैट भी। लेकिन यह बंगला उस लिस्ट से बाहर रहा क्योंकि इसके दस्तावेज़ों में दिखाया गया कि इसे पहले ही किसी और को बेचा जा चुका है।
अब यह बंगला देहरादून प्रॉपर्टी क्लब और सहस्रधारा रोड प्रॉपर्टीज के फेसबुक ग्रुप में बेचने के लिए विज्ञापित किया गया है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ मित्तल के पैसे को एक और ट्रांजेक्शन में छिपाने का तरीका है?
पुराने लेनदेन की भी पुष्टि – 3.5 करोड़ का संदिग्ध ट्रांसफर
सिर्फ बंगला ही नहीं, मित्तल पर पहले भी संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के आरोप लगे हैं।
पुष्पांजलि इंफ्राटेक प्रोजेक्ट में कार्यरत ठेकेदार शरद कुमार अग्रवाल ने पीएमएलए कोर्ट में दिए बयान में बताया कि उन्होंने 13.12 करोड़ के कार्य का 9.75 करोड़ तक भुगतान पाया।
इसके बाद, 3.5 करोड़ रुपए उनके खाते में आए, लेकिन उसी दिन यह रकम मित्तल की पत्नी राखी मित्तल के निजी खाते में ट्रांसफर कर दी गई। यह सीधे तौर पर फर्जीवाड़े और धन शोधन (money laundering) की आशंका को जन्म देता है।
क्यों जरूरी है इस ट्रांजेक्शन की जांच?
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इस लेनदेन में Asset Concealment की संभावना
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Money Trail का गुम होना
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ED और STF को भ्रमित करने की रणनीति
इस तरह के मामले न सिर्फ निवेशकों के हितों के खिलाफ हैं, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया के साथ भी सीधा खिलवाड़ है। इस मामले में बंगले की बिक्री और ट्रांजेक्शन से जुड़े हर पहलू की गहन जांच जरूरी है।
