देहरादून, 30 अप्रैल — उत्तराखंड में कतिपय जनपदों से आ रही ओवर रेटिंग और सीलबंद मदिरा की अनियमित बिक्री की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। आबकारी विभाग ने 1 मई से 3 मई 2025 तक राज्य के सभी जिलों में संचालित मदिरा दुकानों और बारों का निरीक्षण करने के लिए विशेष जांच दल गठित किया है। यह कार्रवाई मदिरा दुकानों पर निर्धारित कीमत से अधिक दरों पर शराब बेचने और नियमों के उल्लंघन की घटनाओं की रोकथाम के उद्देश्य से की जा रही है।
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पूरे राज्य को चार मुख्य भागों में बांटते हुए अधिकारियों और आबकारी निरीक्षकों की टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रत्येक टीम का नेतृत्व सहायक आबकारी आयुक्त करेंगे और उनके निर्देशन में निरीक्षक संबंधित जनपदों में जांच अभियान चलाएंगे।
गठित टीमों का विवरण:
1. देहरादून, हरिद्वार व टिहरी गढ़वाल के लिए टीम
राजीव सिंह चौहान (सहायक आबकारी आयुक्त) के नेतृत्व में संजय रावत, दर्शन सिंह चौहान, शैलेन्द्र उनियाल, सरोज पाल व आनंद सिंह चौहान को तैनात किया गया है।
2. पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली के लिए टीम
देवेन्द्र गिरी गोस्वामी के नेतृत्व में बृजेन्द्र सिंह भंडारी, शिव प्रसाद ब्यास, रीना रौथान, मनोहर पतियाल और समरबीर सिंह बिष्ट जांच करेंगे।
3. ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चम्पावत के लिए टीम
नाथूराम जोशी (जिला आबकारी अधिकारी) के नेतृत्व में सोनू सिंह, बृजेश नारायण जोशी, दीप्ति मिश्रा, उमेश पाल, धीरेन्द्र सिंह बिष्ट व दिवाकर चौधरी निरीक्षण करेंगे।
4. अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के लिए टीम
प्रशांत कुमार (सहायक आबकारी आयुक्त) के नेतृत्व में विष्णु थापा, गौरव जोशी, नारायण सिंह मार्तोलिया, मोहन सिंह कोरंगा और रूचिका कांडपाल को जिम्मेदारी दी गई है।
निरीक्षण के दिशा-निर्देश:
टीमों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सभी सरकारी मदिरा दुकानों, प्राइवेट लाइसेंसी दुकानों और बारों का गहन निरीक्षण करें। अगर कहीं भी ओवर रेटिंग या सीलबंद बोतलों की अनियमित बिक्री पाई जाती है, तो संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध आबकारी नीति विषयक नियमावली, 2025 के तहत सख्त कार्रवाई की जाए।
सरकार का संदेश स्पष्ट:
शासन का यह कदम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और शराब माफिया के खिलाफ कठोर संदेश देने की दिशा में अहम माना जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, निरीक्षण अभियान के दौरान पाई गई अनियमितताओं पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के लाइसेंस निरस्त करने तक की कार्रवाई संभव है।
यह निरीक्षण अभियान न केवल पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा, बल्कि जनता में यह भरोसा भी कायम करेगा कि सरकार उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।