जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित बैठक के दौरान देहरादून शहर की बहुप्रतीक्षित रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना की समीक्षा की। यह परियोजना मा. मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी प्राथमिकता में शामिल है, जिसका उद्देश्य राजधानी देहरादून को भीषण जाम से राहत दिलाना है।
Integrated Working Area में एक ही छत के नीचे सभी विभाग
डीएम के निर्देश पर कलक्ट्रेट में आपदा कार्यालय में कॉमन वर्किंग एरिया (Common Working Area) स्थापित किया गया है, जहां एसडीएम, नोडल अधिकारी और संबंधित विभागों के कर्मचारी परियोजना के हर पहलू—Survey, Flyover Construction, Rehabilitation, Compensation Distribution—पर एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं।
भूमि अधिग्रहण और सीमांकन की प्रक्रिया तेज़
Right of Way (ROW) और सीमांकन की कार्रवाई गतिमान है। Land Acquisition प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश जारी हुए हैं। प्रभावित परिवारों को समयबद्ध और पारदर्शी मुआवजा (Compensation) प्रदान करने पर ज़ोर दिया गया है।
प्रभावित भूमि और संरचनाओं का विवरण
रिस्पना एलिवेटेड रोड:
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कुल भूमि: 44.8216 हेक्टेयर
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सरकारी भूमि: 42.648 हेक्टेयर
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निजी भूमि: 2.1736 हेक्टेयर
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कुल प्रभावित संरचनाएँ: 1120
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स्थायी: 771
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अस्थायी: 349
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बिंदाल एलिवेटेड रोड:
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कुल भूमि: 43.9151 हेक्टेयर
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सरकारी: 25.7968 हेक्टेयर
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निजी: 18.1183 हेक्टेयर
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वन भूमि: 1.96 हेक्टेयर
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रक्षा सम्पदा: 4.93 हेक्टेयर
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पियर हेतु भूमि: 0.42 हेक्टेयर
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कुल प्रभावित संरचनाएँ: 1494
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स्थायी: 934
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अस्थायी: 560
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रक्षा भूमि और वन भूमि के लिए विशेष पहल
Bindal Corridor में 2295 मीटर क्षेत्र सेना की भूमि से होकर गुजरता है, जिसमें से 0.51 हेक्टेयर Pier Foundation हेतु आवश्यक है। इसके लिए Defence Estate Office को संयुक्त निरीक्षण का प्रस्ताव भेजा गया है।
वहीं Forest Land Transfer के तहत रिस्पना कॉरिडोर में 4.20 हेक्टेयर एवं बिंदाल कॉरिडोर में 4.00 हेक्टेयर Compensatory Afforestation (CA) Land चिन्हित की गई है।
आईआईटी रुड़की की हाइड्रोलॉजिकल स्टडी पूरी, यूटिलिटी शिफ्टिंग की तैयारी
IIT Roorkee द्वारा Hydrological Model Study पूरी कर ली गई है। सभी यूटिलिटी सेवाओं जैसे Electricity (UPCL), Water, Sewer, Gas Lines की शिफ्टिंग के लिए Joint Inspection कर अनुमान तैयार कर लिए गए हैं।
SIA सर्वेक्षण और भू-अधिग्रहण अधिनियम की प्रगति
दोनों कॉरिडोरों के लिए Social Impact Assessment (SIA) का कार्य पूरा कर लिया गया है। Section 4 Notification जारी कर दी गई है और भू-अधिग्रहण कार्य ज़मीन पर तेज़ गति से चल रहा है।
अधिकारियों को डीएम के स्पष्ट निर्देश: समन्वय और गति ही प्राथमिकता
डीएम सविन बंसल ने सभी विभागों को आपसी समन्वय बनाते हुए परियोजना को धरातल पर लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना जनहित से जुड़ी है और इसे मिशन मोड में लागू किया जाना चाहिए।
उपस्थित अधिकारी:
बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) के.के. मिश्रा, अपर नगर आयुक्त हेमंत कुमार, उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, एसएलओ स्मृता परमार, लोनिवि के अधिशासी अभियंता जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी, यूपीसीएल, एमडीडीए और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
