सरकारी योजनाओं से वंछित पहाड़वासी। दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर।
– मनोरमा देवी तक नहीं पहुंच सरकार की योजना
– क्या सरकारी योजनाएं सिर्फ अमीरों के लिए ही बनी है?
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
पौड़ी। पौड़ी गढ़वाल यमकेश्वर विधानसभा विकासखण्ड द्वारीखाल के ग्राम कठूड बड़ा की रहने वाली मनोरमा देवी के लिए शायद सरकार की कोई भी योजना नही है। ना ही आज तक इनको कोई भी सरकरी योजना का लाभ नही मिल पाया। अब आपको मनोरमा देवी के बारे में बताते हैं मनोरमा देवी के पति भूपेंद्र प्रसाद विगत 12 वर्षों से लापता हैं इनकी दो बेटियां हैं। सिमरन (15) किरण (10) भाग्य ने और खेल खेल दिया इस गरीब के साथ इनकी बेटी किरण पाओं से दिव्यांग है। मनोरमा देवी अपने बच्चों का पालन पोषण लोगो के लिए घरों में काम करके करती है। मनोरमा देवी कहती है कि, लोग 3 बार दिन में भोजन करते हैं। मैं बामुश्किल दो बार खाने के लायक जुगाड़ कर पाती हूँ।
जब हमने पूछा कि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कुछ मदद मिलती है तो मनोरम देवी का कहना था कि, चुनाव के समय वोट देने के लिए कहते हैं और वायदा करते हैं कि, वे उनकी मदद करेंगे पर चुनाव खत्म होने पर सब गायब हो जाते हैं। आपको मनोरमा देवी के मकान की फ़ोटो दिखाते हैं। जिसकी छत पूरी तरह से पन्नी से ढकी है। आखिर सरकार की गरीबी उन्मूलन क्या है? कौन सा होगा ऐसा गरीब जिसके पास शासन-प्रसासन स्वयं पहुच जाता हो। महिला का कहना है कि, अभी 8 वीं तक तो फीस नहीं पड़ेगी तो पढ़ा रही हूँ जिस दिन फीस की बारी आएगी वो दिन मुश्किल होगा आगे बढ़ने के लिए।
मनोरमा देवी का पति परिवार में इकलौता था। जिस कारण परिवार में अन्य मददगार भी नहीं है। आजकल कोरोना महामारी चल रही है, कामकाज ठप है, किसी के घर या अन्य जगह भी ध्याडी नहीं मिल रही है। किसी तरह पहले से रखे पैसे भी राशन में चले गए आगे के लिए कर्जा हो गया तो अब ऐसे में कैसे चलाएंगे परिवार।सरकार एवं जनप्रतिनिधियो से अपील है कि इस गरीब महिला को हौसला दें इसकी मदद करे ताकि महिला अपनी बेटियों का पालन पोषण पढ़ाई लिखाई सुचारू रूप से चला सके।