बैंक ऋण बीमा धोखाधड़ी करने वालों पर जिला प्रशासन का लगातार प्रहार
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बैंक ऋण बीमा धोखाधड़ी के मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए दो बैंकों के प्रबंधकों की आरसी काटी है। ऋण का बीमा कराने के बावजूद पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद आश्रितों को परेशान करने और मानसिक उत्पीड़न करने पर यह सख्त कार्रवाई की गई है।
जिलाधिकारी ने कैनफिन होम लि. के प्रबंधक की ₹22 लाख और एचडीएफसी बैंक के प्रबंधक की ₹12.74 लाख की आरसी काटी है। डीएम ने संकेत दिए हैं कि दोषी बैंक कभी भी सील, नीलाम या ठप्प किए जा सकते हैं।
मामले का विवरण
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एचडीएफसी बैंक मामला:
व्यथित विधवा उर्मिला, जिनके पति महिपाल सिंह ने 2022 में एचडीएफसी बैंक से ऋण लिया था। ऋण का बीमा और प्रीमियम भुगतान होने के बावजूद पति की मृत्यु के बाद बैंक ने इंश्योरेंस क्लेम करने की बजाय वसूली शुरू कर दी। शिकायत पर डीएम ने एचडीएफसी बैंक जीवनगढ़ शाखा प्रबंधक की ₹12.74 लाख की आरसी काट दी। -
कैनफिन होम लि. मामला:
माला देवी, जिनके पति उदय शंकर ने मकान खरीदने के लिए ₹20 लाख का ऋण लिया था और ₹12.22 लाख की किस्त भी जमा कराई थी। बीमा होने के बावजूद जनवरी 2025 में पति की मृत्यु के बाद बैंक और इंश्योरेंस कंपनी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि लगातार परेशान किया गया। शिकायत पर डीएम ने कैनफिन होम लि. जीएमएस रोड शाखा प्रबंधक की ₹22 लाख की आरसी काट दी।
डीएम का सख्त संदेश
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन असहाय और निर्बल नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी बैंक या संस्था द्वारा जनमानस को गुमराह या परेशान करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों पर कार्रवाई न केवल जारी रहेगी, बल्कि और कड़ी होगी।
यह सख्त कदम मुख्यमंत्री की कार्यशैली से प्रेरित जिला प्रशासन के उस संकल्प को दर्शाता है जिसमें जनहित सर्वोपरि है और शोषण करने वालों पर नकेल कसना प्राथमिकता है।