बड़ी खबर:उत्तराखण्ड में भू-माफिया और दलालों का दबदबा! अफसरशाही पस्त
– एडीएम के आदेशों पर भी अधिग्रहित भूमि से कब्जा नहीं हटाया
– विकासनगर के पटवारी ने तो चाय बागान की जमीन से पल्ला झाड़ा
देहरादून: हाईकोर्ट ने देहरादून जिले के चाय बागान की जमीन से कब्जा हटाने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिये हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन चाय बागान की जमीन से कब्जा हटाने में कोताही बरत रहा है।
अपर जिला अधिकारी के आदेशों के बावजूद लाडपुर, रायपुर और नत्थपुर की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है।
सोशल एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार सरकारी भूमि पर भूमाफिया का कब्जा है और जिला प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
नैनीताल हाईकोर्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी की जनहित याचिका पर सरकार को देहरादून के चाय बागान की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया था। इस संबंध में जिला अधिकारी ने एक समिति का भी गठन किया।
एडीएम डा. शिव कुमार बरनवाल ने 29 अक्टूबर 2022 तहसीलदार को भी लाडपुर, नत्थनपुर की विवादित भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिया था। लेकिन अब तक कब्जा नहीं हटाया गया है।
जानकारी के अनुसार विवादित भूमि 1586,1584, 1552 और 1575 से कब्जा नहंी हटाया गया है। खसरा नंबर 1584 में शराब का ठेका खुल गया।
एडवोकेट विकेश नेगी के अनुसार यहां बने काम्पलैक्सों में सरकारी कार्यालय चलाए जाने चाहिए और होटल को जीएमवीएन का गेस्ट हाउस बना दिया जाना चाहिए ताकि सरकार को आय हो सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि, भूमाफिया के दबाव के चलते अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
उधर, आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने विकासनगर में चाय बागान की जमीन को लेकर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी थी। जानकारी मिली कि विकास नगर के मौजा एनफील्ड ग्राम के तहत चाय बागान की कोई भूमि नहीं है।
जबकि देहरादून जिला अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक विकासनगर के जीवनगढ़, अम्बाड़ी, सेंट्रल होप टाउन, एनफील्ड ग्रांट, वादामावाला, जमनीपुर आदि में चाय बागान की जमीन है और इस संबंध में वाद अदालत में भी चल रहे हैं। जिला प्रशासन ने कई लोगों को नोटिस भी जारी किये हैं।