श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में वेबीनार के दौरान विशेषज्ञों ने किया टी.बी. व कैंसर के उपचार में सहयोगी तकनीकों पर मंथन
● श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के काॅलेज ऑफ पैरामैडिकल साइंसेज़ में एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन
देहरादून। मेडिकल साइंस में तेज़ी के साथ कई तरह के परिवर्तन हो रहे हैं। मेडिकल साइंस के क्षेत्र में नई तकनीकों व शोध कार्यों के परिणामों ने गम्भीर रोगों के उपचार को काफी हद तक आसान बनाने का काम किया है। विशेषज्ञों ने कहा कि, किसी भी बीमारी के मूल कारणों का पता लग जाने पर बीमारी का उपचार आसान हो जाता है। host directed therapeutics in tuberculosis व पैट सी.टी. की उपयोगिता व टेस्ट परिणामों पर विशेषज्ञों ने राय सांझा की। यह राय शुमारी विशेषज्ञों ने श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के काॅलेज ऑफ पैरामेडिकल में आयोजित एक दिवसीय वेबिनार के आयोजन अवसर पर दी।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के काॅलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज़ के सभागार में वेबीनार का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ यू.एस. रावत ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्जवलन कर किया। मुख्य वक्ता डाॅ प्रमोद कुमार गुप्ता, साइंटिफिक ऑफिसर (ई) बीएआरसी मुम्बई ने host directed therapeutics in tuberculosis विषय पर विस्तृत जानकारी दी। डाॅ प्रमोद कुमार गुप्ता ने कहा टी.बी. की बीमारी के उपचार के लिए कई आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हो चुकी हैं। उन्होंनें host directed therapeutics in tuberculosis तकनीक के इस्तेमाल, प्रभाव व रोगियों के उपचार में इस तकनीक की भूमिका पर प्रकाश डाला।
डाॅ प्रियंका वर्मा सोनी, कंस्लटेंट, न्यूक्लियर मेडिसिन, बीएआरसी मुम्बई ने पैट सी.टी./एफ.डी.जी. के प्रयोग व परिणामों पर प्रकाश डाला। कैंसर के लक्ष्णों का पता लगाने में पैट सीटी की उपयोगिता को भी समझाया। काॅलेज ऑफ पैरामेडिकल के डीन, प्राचार्य व वेबीनार समन्वयक डाॅ लोकेश गम्भीर ने कहा कि, एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज के कुशल दिशा निर्देशन में छात्र-छात्राओं को नए-नए विषयों को जानने व समझने का अवसर मिलता रहता है। उनके आशीर्वाद से आज का वेबीनार सफलता पूर्वक आयोजित हो सका।
वेबीनार में डाॅ उदय सिंह रावत, कुलपति, एसजीआरआर विश्वविद्यालय, डाॅ मालविका कांडपाल, विश्वविद्यालय समन्वयक, डाॅ नेहा चैहान, आयोजक सचिव मुकेश चमोली, आयोजक समिति के सदस्य दिव्या चौहान और राजिया सिद्दीकी आदि ने अपने विचार व्यक्त किये और श्री महन्त इन्दिरेश अस्पताल के द्वारा संचालित व्यवस्थाओं के बारे में भी विस्तार से बताया। वेबीनार में 500 विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया। उन्होंने अपनी जिज्ञासाएं रखी जिन्हें विशेषज्ञों ने शांत किया।