- इंद्रजीत असवाल
लैंसडाउन : कहते हैं यदि पावर हो तो कैसे भी गैर कानूनी कार्य किये जा सकते है कानून भी नेताओं के प्रभाव से कार्य नही करता
आज जो खबर हम आपको दिखा रहे हैं वो लैंसडाउन विधानसभा के ढाबखाल की है जहाँ पर घेडी मंजुली के लिए विगत वर्ष में ग्रामीणों के द्वारा श्रम दान कर सड़क बनाई जा रही थी उसमें 3 भीमल के पेड़ ग्रामीणों ने काटे तो यही के विधायक मीडिया प्रभारी दिनेश रावत ने ग्रामीणों पर 15 हजार का जुर्माना करवा दिया जिसके कारण श्रम दान से बन रही सड़क का कार्य बन्द हो गया।
वही इसी ग्राम सभा के ढाबखाल में विधायक निधि से एक संपर्क मार्ग बना जिसमे सैकडो बांज के पेड़ कट गए जिसमे कोई जुर्माना नही पड़ा कारण था कि इस कार्य को करवाने वाले खुद विधायक के मीडिया प्रभारी दिनेश रावत थे तो क्या विधायक व ग्रामीणों के लिए नियम कानून अलग अलग है ? देखकर तो यही प्रतीत होता है।
विगत कुछ समय पहले हमारे द्वारा यहाँ की खबर को प्रमुखता से दिखाया गया था तो वन विभाग की पोखड़ा रेंज अधिकारी ने बिना परमिशन बांज के पेड़ कटने की पुष्टि की गई थी व इसकी रिपोट राजस्व विभाग को भेज दी गई थी लेकिन विधायक की पावर के कारण आज तक सैकड़ो पेड़ो के कटने पर कोई भी कार्यवाही नही हुई।