सँयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारियों ने रखा पारिवारिक उपवास
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में 13 सितम्बर को लोगों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक दिवसीय पारिवारिक उपवास रखा। जिले में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि, नई पेंशन योजना में कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद गुज़ारे लायक भी पेंशन प्राप्त नहीं कर पा रहा है। जिसके कारण नई पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों में रोष है। पुरानी पेंशन को बहाल करने के लिए केंद्र को सरकार ने पत्र लिखा है। लेकिन अभी तक केंद्र द्वारा इस पर ध्यान नही दिया गया।
प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा जब तक पुरानी पेंशन बहाल नही हो जाती, तब तक यह संघर्ष अनवरत रूप से जारी रहेगा। सँयुक्त मोर्चा ने लगातार कोरोना काल मे भी ईमानदारी से सँघर्ष को जारी रखा है। जिसे कर्मचारियों का लगातार साथ मिल रहा है। इसी सँघर्ष का परिणाम है कि, सरकार पुरानी पेंशन के लिए नींद से जाग गयी है और केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया। आज देश के 66 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए 1 दिन का उपवास रखकर सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि, पुरानी पेंशन को बहाल कर कर्मचारियों को बुढापे की चिंता से मुक्त करें।
सरकार हमारे प्रयासों पर ध्यान दे रही है। यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन राज्य सरकार के मात्र पत्र लिख देना भर हमारी जीत नही है। हमने कोरोना के काल मे उस माध्यम को अपना हथियार बनाया है। जिस पर सारा भारत ध्यान दे रहा था। हम और हमारी सँयुक्त मोर्चा की उत्तराखंड की सम्पूर्ण टीम हालात सामान्य होते ही जल्द ही धरातल पर वृहत आन्दोलन की योजना पर काम कर रहे हैं। जिसमे प्रत्येक ब्लॉक से भागीदारी सुनिश्चित है। समस्त कर्मचारियो ने ट्विटर पर शाम 3 बजे से 6 बजे तक हैशटैग fast4ops को ट्वीट कर सोशल मीडिया पर मुद्दे को चर्चा में बनाये रखा।
उपवास कार्यक्रम असल मे सत्याग्रह की शुरुआत है। पेंशन के प्रति जागरूकता अब धीरे-धीरे कर्मचारियों में अलख जगा रही है। जिसके कारण लोग एक जुट हो रहे हैं। उत्तराखंड में 2 लाख के आस-पास कर्मचारी है। ये कर्मचारी यदि पेंशन के लिए एक जुट हो जाएं तो सरकार अवश्य पुरानी पेंशन को बहाल करेगी। पेंशन पारिवारिक उपवास इस बात का प्रतीक है कि, बुढ़ापे में nps की वजह से कर्मचारी और उसके परिवार को भूखा रहना पड़ेगा।
उपवास में राज्य के हज़ारों कर्मचारियों के साथ जयदीप रावत, नरेश भट्ट, देवेंद्र बिष्ट, सौरभ नौटियाल, लक्ष्मण रावत, प्रवीण भट्ट, योगित पंत, रेनु डांगला, निर्मला थापा, भवान नेगी, कमलेश मिश्रा, जसपाल रावत, गुरुदेव रावत, मिलिन्द बिष्ट, आलोक पांडेय, कैलाश प्रकाश व कुमाऊँ मण्डल से कपिल पांडे, राजीव कुमार, रेनु डांगला, त्रिभुवन बिष्ट, राजेन्द्र शर्मा, दया जोशी, सुबोध कांडपाल, भास्करानंद इत्यादि ने प्रतिभाग किया।