एक्सक्लूसिव : धामी सरकार की बढ गयी चिंता। चुनावी घोषणाएं पूरी करने का बढेगा दबाव
उत्तराखंड राज्य की पांचवीं विधानसभा का गठन भाजपा सरकार को प्रचंड बहुमत से मिल गया है और राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी जी 12 वें मुख्यमंत्री बन गए हैं लेकिन अपने पिछले कार्यकाल की अनगिनत घोषणाओं को पूरा करने का दवाब और उत्तराखंड राज्य की बदहाल आर्थिक स्थिति के बीच सबसे बड़ी चुनौती है भाजपा के कद्दावर नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ जनसुविधाओं के प्रति सामंजस्य बनाकर चलना और राज्य कर्मचारियों को खुश रखना
बरहाल एक जागरूक नागरिक होने के नाते हम शुभकामनाएं देते हैं कि सब अच्छा हो
आकंड़ों के आधार पर जानिए कि क्या है वस्तुस्थिति उत्तराखंड राज्य की
1- वेतन, पेंशन और कर्ज चुकाने में खप रहा आधे से
ज्यादा बजट पार्ट 1 में घोषणाओं की बारिश
कैसी होगी पूरी ?
2- मौजूदा वर्ष में 73 हजार करोड़ कर्ज के बोझ
तले दबी उत्तराखण्ड राज्य सरकार ?
3- कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2020 तक
उत्तराखंड सरकार 65,982 करोड़ के कर्ज के तले
दब चुकी है, पिछले पांच सालों में कर्ज का यह ग्राफ
लगातार बढ़ा है ?
4- राज्य के हर व्यक्ति पर तकरीबन 66 हजार रुपये
से ज्यादा कर्ज है ?
5- उत्तराखंड सरकार 95 पूर्व विधायकों की पेंशन
पर खर्च कर रही 53 लाख मासिक खर्च ?
6- चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने यानी 31 मार्च 2022
तक कर्ज की यह राशि बढ़कर लगभग
85486 करोड़ होने जा रही है।
कर्ज लेकर गैर विकास मुद्दों पर लुट रहा घी
राज्य की हालत उस दरिद्र व्यक्ति सरीखी हो गई है जिसने ऋण यह सोचकर लिया कि घी पीकर सेहत बनाएगा और फिर आमदनी बढ़ाएगा,हालत उलट हो गए विकास कार्यों के लिए ली जाने वाली रकम अब तक गैर विकास मदों पर खूब खर्च हुई,अब भी यही सिलसिला बदस्तूर जारी है, जिसमें सबसे ज्यादा धनराशि
उत्तराखंड के कुल 95 पूर्व विधायकों को
हर माह कुल 52 लाख 73 हजार नौ सौ रुपये की मासिक पेंशन पर खर्च की जा रही है
1- इसमें पूर्व विधायकों को 1997 से 2 पूर्व विधायक,
2- 1 पूर्व विधायक को 1998 से पेंशन मिल रही है.
3- 8 पूर्व विधायकों को 2002,
4- 9 को 2004, 6 को 2007,1 को 2008,
1 को 2009, 31 पूर्व विधायकों को 2012,
5 पूर्व विधायक को 2016,
5- 29 को 2017, 1 को 2018 और,1 पूर्व विधायक
को 2019 से पेंशन मिल रही है
राज्य बनने से पहले।के 3 विधायकों को भी पेंशन
सूचना अधिकार कार्यकर्ता को उपलब्ध सूची के अनुसार वर्ष_1997 से पेंशन लेने वालों में मोहम्मद असलम खान, कुंवर नरेंद्र सिंह, #वर्ष_1998 से राजीव कुमार शामिल हैं।
वर्ष_2002 से राम सिंह सैनी, मोहन सिंह रावत ’गांववासी’, निरुपमा गौड़, लाखी राम जोशी, नारायण सिंह राणा, ज्ञान चन्द्र, सुरेश चन्द्र आर्य, केसी सिंह बाबा पेंशन लेने वालों में शामिल हैं.काशी सिंह ऐरी और नारायण जंतवाल भी ले रहे हैं पेंशन,
वर्ष_2004 से धनी राम सिंह नेगी, विरेंद्र सिंह, रामयश सिंह, किशन सिंह तड़ागी, नवीन चंद्र तिवारी, पूरन चंद्र शर्मा, कुंवर सिंह नेगी, गोपाल दत्त ओझा, पृथ्वीपाल सिंह चौहान शामिल हैं जिन्हें पेंशन दी जा रही है।
वर्ष_2007 से उम्मेद सिंह मांजिला, कैलाश शर्मा, काशी सिंह ऐरी, सूरवीर सिंह सजवाण, राम प्रसाद टम्टा, डा. नारायण सिंह जंतवाल पेंशन लेने वालों में शामिल हैं.
वर्ष_2008 से इसम सिंह,
वर्ष_2009 से तेजपाल सिंह रावत,
वर्ष_2012 से राजेश जुवांठा, किशोर उपाध्याय, बलवीर सिंह, ओम गोपाल रावत, कुलदीप कुमार, जोत सिंह गुनसोला, सुरेश चंद्र जैन, चौधरी यशवीर सिंह, शहजाद, तसलीम अहमद, शैलेंद्र सिंह रावत, यशपाल बेनाम, आशा नौटियाल, केदार सिंह फोनिया, अनिल नौटियाल, गोविंद लाल, शेर सिंह गडिया, पुष्पेश त्रिपाठी, रणजीत रावत, प्रेमानंद महाजन, तिलक राज बेहड़, नारायण पाल, गोपाल सिंह राना, वीना महाराना, जोगा राम टम्टा, गगन सिंह, कैरन मेयर, दिवाकर भट्ट, मातबर सिंह, गोविंद सिंह बिष्ट, किरन मंडल को पेंशन मिल रही है
वर्ष_2016 से अमृता रावत, शैलेंद्र मोहन सिंघल, विजय बहुगुणा, भीमलाल आर्य, दान सिंह भंडारी
वर्ष 2017 से मालचंद, विजयपाल सिंह सजवाण, जीत राम, विक्रम सिंह नेगी, महावीर सिंह, राजकुमार, हीरा सिंह बिष्ट, चंद्र शेखर, हरिदास, सरवत करीम अंसारी, विजया बड़थ्वाल, गणेश गोदियाल, मयूख सिंह, नारायण राम आर्य, ललित फर्स्वाण, मदन सिंह बिष्ट, मनोज तिवारी, हेमेश खर्कवाल, सरिता आर्य, आरपी गार्डनर, राजेंद्र सिंह भंडारी, शैला रानी रावत, मंत्री प्रसाद नैथानी, दिनेश धनै, नवप्रभात, दिनेश अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, हरीश रावत, हरीश चंद्र दुर्गापाल,
वर्ष_2018 से महेंद्र सिंह माहरा
वर्ष_2019 से भुवन चंद्र खंडूरी
आरटीआई से उपलब्ध सूची के अनुसार
पूर्व विधायकों में सबसे कम 14 हजार कैरन मेयर
और सर्वाधिक 91 हजार राम सिंह सैनी को पेंशन मिल रही है।
इसके अतिरिक्त 40 हजार से 45 हजार प्रतिमाह तक
7 पूर्व विधायकों को
46 हजार से 48,800 तक 24 विधायक
50 हजार से 55 हजार तक 18 विधायक
58 हजार से 60 हजार तक 25 विधायक
62 हजार से 66 हजार तक 7 विधायक
67 हजार से 72 हजार तक 7 विधायक
73 हजार 2 पूर्व विधायक, 76 हजार 1 पूर्व विधायक, 79 हजार 1 विधायक, 85 हजार की मासिक पेंशन 1 पूर्व विधायक को मिल रही है।
कर्ज का ये घी उत्तराखंड राज्यवासियों की सेहत तो नहीं बना सकता लेकिन चिंता जरूर बढ़ा रहा है ?