बड़ी खबर: एसआरएचयू जौलीग्रांट में संकाय विकास कार्यक्रम आयोजित
- शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने में एनएएसी और एनबीए की भूमिका पर की चर्चा
- कार्यक्रम में 35 प्रतिभागी हुए शामिल
डोईवाला: स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट में संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें शामिल प्रतिभागियों को विशेषज्ञों ने शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने में एनएएसी और एनबीए की भूमिका के बारे में जानकारी दी।
हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एचएसएसटी) के सभागार में राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीआर) चंडीगढ़ के सहयोग से ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के नए मेट्रिक्स और और राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) दोनों के महत्व को समझा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनआईटीटीआर के डॉ. एसएस पटनायक ने एनएएसी और एनबीए के महत्व के बारे में बताया।
इसके साथ कार्यक्रम विशिष्ट परिणामों को तैयार करने और मैप करने की प्रक्रिया का विवरण दिया और एनएएसी मूल्यांकन पर चर्चा की। डॉ. राकेश वत्स ने पाठ्यक्रम परिणाम तैयार करने और मैपिंग पर अभ्यास कराया। डॉ. बलविंदर ने उपलब्धि और रुब्रिक्स पर चर्चा की। डॉ. मनीषा मलिक ने शिक्षा में एआर/वीआर और इंटरैक्टिव वीडियो के उपयोग की जानकारी दी। डॉ. कमलदीप ने प्रभावी प्रस्तुतियाँ बनाने की जानकारी प्रदान की। कहा कि एफडीपी का लक्ष्य मान्यता मानकों के अनुरूप रणनीतिक तैयारी के माध्यम से शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाना है।
इस दौरान विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब दिया। कार्यक्रम में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, योगा साइंस, फार्मेसी, बॉयोसाइंस, नर्सिंग व मेडिकल कॉलेज से 35 फैकल्टी सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर एचएसएसटी के प्राचार्य एवं कार्यक्रम के आयोजक डॉ. प्रमोद कुमार सभी का धन्यवाद दिया। सप्ताह भर चले कार्यक्रम में समन्वयक डॉ. आशीष पसबोला, डॉ. आशुतोष भट्ट, गौरव अग्रवाल और डॉ. आशुतोष चौधरी ने अपना सहयोग दिया।