आस्था: अपने गंतव्य को निकली श्री केदारनाथ की डोली
रिपोर्ट: शम्भू प्रसाद
रुद्रप्रयाग: पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ से हिमालय के लिए रवाना हो गयी है। शनिवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गौरी माता मन्दिर गौरीकुण्ड से रवाना होकर केदारनाथ धाम पहुंचेगी और 17 मई को प्रातः पांच बजे भगवान केदारनाथ के कपाट परम्परानुसार वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ ग्रीष्म काल के लिए खोल दिये जायेंगे
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण व तहसील प्रशासन द्वारा धारा 144 लागू करने के कारण विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी बाबा केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रथ से गौरीकुण्ड के लिए रवाना हुई जबकि भक्तों ने अपने घरों से पुष्प, अब अक्षत्र अर्पित कर डोली को विदा किया! शासन द्वारा मिनी लाकडाउन की गाइडलाइन जारी होने से पुलिस व तहसील प्रशासन मुस्तैद दिखा। शुक्रवार को भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में ठीक पांच बजे विद्वान आचार्यों ने गर्भगृह में भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव भोग मूर्तियों का महाभिषेक कर भोग अर्पित किया व आरती उतार कर भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान किया व भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का विशेष श्रृंगार किया गया। रावल भीमाशंकर लिंग ने ठीक 7:30 बजे केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग का नाग ताला सौंपा।
प्रधान पुजारी को पगड़ी व अचंकन पहनाकर छह माह केदारनाथ धाम में पूजा करने का संकल्प दिया। रावल द्वारा प्रधान पुजारी को दिये गये संकल्प के अनुसार छह माह की अवधि में प्रधान पुजारी को गाड़ व धार लांघना वर्जित माना जाता है। ठीक आठ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर की एक परिक्रमा की व धाम के लिए रवाना हुई। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली को भक्तों ने अपने घरों से पुष्प अक्षत्र अर्पित कर व हाथ जोड़कर कर डोली को विदा किया। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली पौराणिक जल कुण्ड के निकट तक पैदल मार्ग से चलने के बाद रथ में रवाना हुई व दोपहर तक प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौरी माता मन्दिर गौरीकुण्ड पहुंच गयी है ।शनिवार को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली गौरीकुण्ड से रवाना होगी व देर सांय केदारनाथ धाम पहुंचेगी तथा 17 मई को भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण आम भक्तों के लिए डोली के दर्शन प्रतिबन्धित किया गया था तथा तहसील व पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखा। इस मौके पर उप जिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा, उप मुख्य कार्यधिकारी वीडी सिंह, सीओ अनिल मनराल, एनपी जमलोकी, राजकुमार नौटियाल, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्वाण, शिव शंकर लिंग, केदार लिंग, टी गंगाधर लिंग, तहसीलदार दीवान सिंह राणा, नायब तहसीलदार जयवीी राम बधाणी, थानाध्यक्ष मुकेश थलेडी़ जयकृत सिंह रावत, सतीश भटट्, राजकुमार तिवारी, शिव सिंह रावत, सन्तोष त्रिवेदी, नवदीप नेगी सहित देव स्थानम् बोर्ड, तहसील पुलिस प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।