देहरादून: जी.बी.आई.ई.टी, पौड़ी के गिरफ्तार पूर्व कुलसचिव संदीप कुमार ने कार्यवाहक निदेशक/सदस्य सचिव व सचिवालय के एक अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
पूर्व कुलसचिव ने कार्यवाहक निदेशक पर सचिवालय के एक अधिकारी के साथ मिलीभगत कर 70-80 लाख रुपये लेकर संस्थान के लगभग 40 शिक्षको को पदौन्नति कराने के आरोप लगाये।
सियासत और कॉलेज जगत में यह चर्चा आम है कि इस तरह के आरोप लगाने के बाद संदीप कुमार को आनन-फानन में गिरफ्तार कर लिया गया। वह यह पत्र नहीं लिखता तो हो सकता था कि उसकी गिरफ्तारी मे समय लग सकता था।
यह पत्र संदीप ने तकनीकी शिक्षा एवं अध्यक्ष प्रशासकीय परिषद जी.बी.पी.आई.ई.टी. पौड़ी गढ़वाल,सचिव तकनीकी शिक्षा एवं उपाध्यक्ष प्रशासकीय परिषद जी.बी.पी.आई.ई.टी, पौड़ी गढ़वाल,श्रीमती ऋतु खंडुरी विधान सभा अध्यक्ष उत्तराखंड,सचिव सतर्कता विभाग,उत्तराखंड शासन,को लिखा है।
पत्र में गिरफ्तार पूर्व कुलसचिव संदीप ने बताया कि डॉ. वाई सिंह कार्यवाहक निदेशक एवं सदस्य सचिव, प्रशासकीय परिषद, जी. बी. आई.ई.टी, पौड़ी द्वारा एक अन्य सचिवालय कर्मी के साथ मिलकर शिक्षको की पदौन्नति में लगभग 70-80 लाख रुपये लेकर संस्थान के लगभग 40 शिक्षको को पदौन्नति की सिफ़ारिश की है।
गिरफ्तार पूर्व कुलसचिव संदीप ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि डॉ. सिंह द्वारा 31वी BOG को गुमराह करते हुए इन शिक्षको को पदौन्नति की सिफारिश को BOG से अनुमोदित करवा लिया था। जिसके बाद उपाध्यक्ष प्रशासकीय परिषद द्वारा CAS scheme के अंतर्गत Promotion पर शिकायत प्राप्त होने के उपरांत जांच बैठा दी गयी एवं जांच में यह पाया गया की डॉ. सिंह द्वारा नियमो के विरुद्ध जाकर शिक्षको को पदौन्नति प्रदान की गयी है। इस जांच के उपरांत डॉ. सिंह ने सभी शिक्षको को डरा धमका कर से शासन / प्रशासन आदि के नाम पर का धन एकत्रित किया गया एवं सभी शिक्षको को यह आश्वासन दिया गया की उक्त शिक्षको की पदौन्नति को आगामी बीओजी की बैठक में अनुमोदित करवा लिया जाएगा।
गिरफ्तार पूर्व सचिव संदीप ने पत्र में लिखा कि डॉ. सिंह द्वारा CAS Promotion में अपने कर्तव्य का पालन न करते हुए नियमविरुद्ध कार्य किए है एवं वर्तमान में भ्रस्टाचार को बढ़ावा देते हु पैसे लेकर उक्त प्रमोशन को ‘दुबारा भ्रमित तथ्यो के आधार पर बीओजी मे प्रस्ताव रखा जा रहा है।
प्रमोशन किए गए शिक्षकों मे से लगभग 70 प्रतिशत शिक्षक AICTE के द्वारा निर्धारित मापदंड पूर्ण नहीं करते है एवं डॉ. सिंह अपने स्तर से स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य नामित किए गए एवं आनन फानन में देहरादून एक Hotel मे इंटरव्यू करवाए गए हैं।
स्क्रीनिंग कमेटी के कुछ सदस्य ऑनलाइन एवं कुछ सदस्य उपस्थित नहीं थे जो की नियमविरुद्ध है। डॉ. वाई सिंह एवं डॉ. गंगवार द्वारा गलत ने तरीके उक्त CAS के प्रमोशन किए है।