देहरादून के औद्योगिक क्षेत्र पटेलनगर में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की टीम ने बड़ी कार्रवाई की। उत्तराखंड ग्लास फैक्ट्री में टफंड ग्लास बनाने का कार्य बिना लाइसेंस के पाया गया। जिस पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए ब्यूरो के अधिकारियों ने फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया। साथ ही जुर्माने और अन्य विधिक कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। बीआईएस अधिकारियों ने उपभोक्ताओं/ग्राहकों से अपील की है कि वह केवल बीआईएस प्रमाणित ग्लास का प्रयोग करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना संस्थान की वेबसाइट या बीआईएस के ऐप पर दी जा सकती है।भारतीय मानक ब्यूरो को इस तरह की शिकायत मिली थी कि उत्तराखंड ग्लास फैक्ट्री में टफंड ग्लास का कार्य बिना लाइसेंस के किया जा रहा है। जिस पर संयुक्त निदेशक श्याम कुमार और सचिन चौधरी की टीम ने गुरुवार को फैक्ट्री पर छापा मारा। संचालन से बिना लाइसेंस कार्य किए जाने के बारे में पूछताछ की गई। संचालक ने बताया कि उन्हें नियमों की जानकारी नहीं थी। ब्यूरो के अधिकारियों को इस बारे में भी पता चला कि ग्लास फैक्ट्री के संचालक का अन्यत्र भी कार्य गतिमान है। वहां भी लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा है। लिहाजा, तत्काल प्रभाव से फैक्ट्री को सील कर जुर्माने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कार्रवाई करने वाली टीम में श्रीकांत मिश्रा और त्रिभुवन भी शामिल रहे।
02 साल की कैद और 02 लाख जुर्माने का प्रविधान
बीआईएस के अधिकारियों के अनुसार इस तरह के उल्लंघन पर 02 वर्ष तक की कैद और पहली बार 02 लाख के जुर्माने और पुनरावृत्ति पर 05 लाख रुपए से लेकर वस्तु के मूल्य के 10 गुना तक जुर्माना हो सकता है। वहीं, गुरुवार की कार्रवाई में फैक्ट्री की गतिविधि को अधिकारियों ने ग्लास (क्वालिटी कंट्रोल) आदेश 2020 के अंतर्गत उल्लंघन करार दिया गया है।
अप्रैल 2023 से अनिवार्य किया लाइसेंस
भारतीय मानक ब्यूरो के संयुक्त निदेशक श्याम कुमार के अनुसार सरकार ने अप्रैल 2023 से टफन ग्लास के कार्य के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया था। ऐसे इसकी शुरुआत वर्ष 2020 से की गई थी। नियमों के समुचित प्रचार प्रसार के लिए यह अवधि एक एक साल कर तीन साल भी बढ़ाई गई।
ग्लास को मजबूती देने के लिए किया जाता है टफंड
टफंड ग्लास एक तरह का सेफ्टी ग्लास होता है। सामान्य ग्लास की मजबूती बढ़ाने के लिए इसे टफन किया जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो की टीम ने पाया कि फैक्ट्री में जो सामान्य ग्लास लाया जा रहा है, उस पर आइएसआइ मार्क का है, लेकिन इसे टफन करने की प्रक्रिया मानकीकृत नहीं है।
नए नियमों का हो समुचित प्रचार
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश भाटिया ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो के अंतर्गत नए नियम लागू किए जाते हैं तो उसका ज्ञान अधिकतम कारोबारियों/उद्यमियों को नहीं हो पाता है। टफन ग्लास के मामले में भी यही बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि जिस फैक्ट्री को सील किया गया है, उसके संचालन को मानकीकरण के बारे में पता ही नहीं था। लिहाजा, नए नियमों को छोटे से छोटे उद्यमियों तक सभी उपलब्ध माध्यमों से पहुंचाया जाना चाहिए।