शासन-प्रशासन शराब व्यवसायियों के आगे नतमस्तक
– हर हाल में शराब की दुकान बंद करवा कर ही रहूंगा: दानू
– देवाल की हर माता, बहन, बुजुर्ग, युवा इस ऐतिहासिक आंदोलन के बनेंगे भागीदार
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। देवाल विकासखण्ड में बाजार के बीच स्थित शराब की दुकान को बंद कराए जाने को लेकर ब्लॉक प्रमुख देवाल दर्शन दानू के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों के अनशन को पुलिस ने दूसरे दिन खत्म करवा दिया। पुलिस ने बलपूर्वक आंदोलनकारियों को धरनास्थल से उठाकर गिरफ्तार कर लिया था। जानकारी के अनुसार पुलिस 11 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर थाना थराली लायी जहाँ से आंदोलनकारियों के खिलाफ लॉकडाउन के उलंघन के आरोप में महामारी अधिनियम धारा -188, 269, 270 और धारा 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम2005 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिसके बाद पुलिस ने आंदोलनकारियों को रिहा कर दिया।
रिहाई के बाद देवाल पहुंचे आंदोलनकारियों ने शुक्रवार सुबह प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि, उनके द्वारा लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकान को बंद करने के लिए ज्ञापन दिया गया। जिसमें उन्होंने दुकान बंद न कराए जाने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी थी, बावजूद इसके भी प्रशासन मूक बना रहा। देवाल ब्लॉक प्रमुख दर्शन दानू ने कहा कि, प्रशासन ने आंदोलनकारियों के साथ जिस तरह बलपूर्वक जबरन उठाकर शराब की दुकानें खुलवाने के कार्य किया उससे साबित होता है कि, शासन प्रशासन शराब व्यवसायियों के आगे नतमस्तक है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए ब्लॉक प्रमुख देवाल ने कहा कि, जिस तरह उनपर मुकदमे दर्ज किये गए। वहीं सड़क पर हाथों में दफ़्ती लिए वो लोग कौन थे जो आंदोलनकारियों पर कमीशनबाजी का आरोप लगा रहे थे, आखिर पुलिस के सामने उन प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई बावजूद इसके अभी तक प्रशासन हाथ मे दफ़्ती लिए उन लोगो की शिनाख्त नही कर सका है।
ब्लॉक प्रमुख देवाल ने कहा कि, तहसील प्रशासन और पुलिस का ये दोहरा रवैया केवल शराबविरोधी आंदोलन को कुचलने के लिए था जिसमे सामाजिक दूरी और ज्ञापन देने के बाद आंदोलन कर रहे अनशनकारियों पर मुकदमे दर्ज होते हैं और सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगो की पुलिस पहचान तक नही कर पाती। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद भी शराब के विरुद्ध आंदोलन जारी रहेगा और प्रशासन ने शराब के जिस आंदोलन को कल देवाल में कुचलने के प्रयास किया अब वहीं आंदोलन एक जनांदोलन का रूप लेगा और देवाल की हर माता, बहन, बुजुर्ग, युवा इस ऐतिहासिक आंदोलन के भागीदार बनेंगे