सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने 10 प्रमुख विभागों से अभियंताओं के खाली पदों के लिए अधियाचन (requisition) मांगे थे। इन अधियाचनों के आधार पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (UKPSC) द्वारा सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा 2025 कराई जानी है। इसके बावजूद संबंधित विभाग अधियाचन भेजने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे।
कार्मिक विभाग ने सबसे पहले जून माह में पत्र भेजा और उसके बाद 18 जुलाई को फिर से रिमाइंडर जारी कर तीन दिन के भीतर अधियाचन भेजने का अनुरोध किया गया। लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही।
अब तक अधियाचन भेजने वाले और लापरवाह विभाग:
-
केवल लघु सिंचाई विभाग ने समय पर अधियाचन भेजा।
-
लोक निर्माण विभाग, कृषि विभाग, शहरी विकास विभाग और पेयजल विभाग ने रिमाइंडर के बाद अपनी रिपोर्ट भेजी।
-
लेकिन आवास विभाग, ऊर्जा विभाग, ग्रामीण निर्माण, पंचायती राज, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा, और सिंचाई विभाग जैसे बड़े विभाग अभी भी अधियाचन नहीं भेज पाए हैं।
अपर सचिव कार्मिक ललित मोहर रयाल ने भी पुष्टि की है कि कई विभाग अब तक अधियाचन नहीं भेज पाए हैं। कुछ विभागों के मामले न्यायालय में लंबित हो सकते हैं, लेकिन बाकी विभागों की निष्क्रियता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने कई बार बैठकों में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया में तेजी लाएं। वहीं मुख्यमंत्री धामी लगातार बेरोजगार युवाओं को मौका देने की बात कह रहे हैं। बावजूद इसके, अधिकारी न तो आदेशों को गंभीरता से ले रहे हैं और न ही समय पर कार्रवाई कर रहे हैं।
यह रवैया न केवल शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि राज्य के हजारों योग्य युवा इंजीनियरों के भविष्य के साथ भी अन्याय है।