हल्द्वानी के रामपुर रोड गन्ना सेंटर रामलीला मैदान में सरकार की एक बड़ी परियोजना हल्द्वानी रिंग रोड परियोजना के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने प्रदर्शन पर भाबर के किसान पुत्र और उनके साथ महिलाएं बैठी हुई हैं।
इसी बीच किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति द्वारा कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत एवं नैनीताल सांसद अजय भट्ट के अनदेखा करने पर उनके प्रतिकात्मक पुतले का दहन धरना स्थल पर किया,लगातार कालाढूंगी विधायक जो की राजनीति के चाणक्य मान जाते हैं उनके लिए कहा जाता है कि उनके विरोधी हर बार उन्हें हराने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं लेकिन वह हर बार और अधिक वोटो से जीते हैं,कालाढूंगी विधायक के लिए आम चर्चा यह रहती है कि इसका उन्हें अहंकार है।
बीते दिनों एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने रामलीला मैदान में बैठे हुए आंदोलनकारी पर राजनीति करने का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि धरने में बैठकर कुछ लोग अपनी राजनीति चमका रहे हैं और उन्होंने ग्रामीणों से यह भी कहा कि विपक्ष के हाथों की कठपुतली ग्रामीण ना बने।
इसके बाद अब लगातार धरने पर बैठे युवाओं ने सोशल मीडिया में कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को बुरी तरह से ट्रोल करना शुरू कर दिया है 25-30 सालों में लगातार चुने जा रहे विधायक से अपने अधिकारों की बात कर रहे हैं सवाल कर रहे हैं और सवाल भी ऐसे की जिनका जवाब शायद ही कभी कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत दे पाएं।
आपको बताते चलें 1975 में विधायक भगत जनसंघ से जुड़े और आज तक राजनीति में चुनाव जीतते आ रहें हैं,यह सच हैं 1975 से विधायक भगत ने अपना कभी ऐसा विरोध नहीं देखा हैं।
किसान मकान बचाओ संघर्ष समिति और इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संस्थापक अध्यक्ष कार्तिक उपाध्याय ने अब कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत के बयान का जवाब दिया है उन्होंने कहा है कि कालाढूंगी विधायक को शर्म आनी चाहिए,उनको लगातार 5 6 बार विधानसभा भेजने वाले ग्रामीण धरने पर हैं न सिर्फ किसान पुत्र धरने पर हैं बल्कि उनके साथ महिलाएं भी हैं लेकिन कालाढूंगी विधायक अपने राजनीतिक अहंकार के कारण उन्हें लगातार अनदेखा कर रहे हैं कालाढूंगी विधायक से उपाध्याय ने यह भी कहा कि उन पर और उनके साथ बैठे हुए आंदोलनकारी पर राजनीति करने के आरोप ना लगे जो कि वह लगातार लग रहे हैं यदि यह किसान पुत्र जिद में आ गए तो उनकी राजनीतिक जमीन खिसका देंगे,उपाध्याय ने यहां तक कहा कि यदि कालाढूंगी विधायक संभले नहीं उन्हें चेतावनी देता हूं यहां गांव में उनकी भविष्य की पीढ़ियां भी कभी राजनीति नहीं कर पाएंगी इसलिए अभी भी समय है संभल जाओ।
आपको बताते चले की 11 सितंबर 2024 से धरने के बाद 23 सितंबर 2024 को कालाढूंगी विधायक द्वारा राजस्व विभाग और पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के अधिकारियों को साथ लेकर जंगल किनारे एक सर्वे किया गया और उसके बाद एक मौखिक घोषणा कर दी गई थी कि यह रिंग रोड जंगल किनारे बनेगी,लेकिन आंदोलनकारी ने कहा इसका उन्हें लिखित में किसी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लिखित देना होगा।
अब 25 30 वर्षों में पहली बार ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा लग रहा है कि कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत का विरोध खुले तौर पर कोई कर रहा है और इस बार क्योंकि आंदोलन का नेतृत्व युवा किसान पुत्र कर रहे हैं जिनके लिए पूर्वजों की हस्तांतरित भूमि ही सब कुछ है,इनका भविष्य वर्तमान सब कुछ इस जमीन पर निर्भर है जिसे सरकार रिंग रोड परियोजना के नाम पर उजाड़ने का प्रयास कर रही है यदि यह आंदोलन समय पर नहीं संभला तो ऐसा लगता है पहली बार कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत को भविष्य में राजनीति के लिए इन ग्रामीण इलाकों में आने से पहले सोचना होगा।
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