हरिद्वार–रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) के अधिशासी अभियंता पर सूचना आयोग ने बड़ा कदम उठाते हुए ₹10,000 का जुर्माना लगाया है। आरोप है कि उन्होंने आश्रमों और धर्मशालाओं के नाम पर स्वीकृत निर्माण कार्यों से जुड़े मामलों की सूचना देने में लापरवाही बरती।
RTI कार्यकर्ता की शिकायत
RTI कार्यकर्ता रमेश चंद्र शर्मा ने 5 फरवरी 2024 को हरिद्वार–रुड़की विकास प्राधिकरण कार्यालय से तीन बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।
उन्होंने यह जानना चाहा था कि पिछले पाँच वर्षों में किन-किन आवासीय अनुमतियों के तहत बाद में होटल, मॉल, फ्लैट और विला बनाए गए और ऐसे अवैध निर्माणों पर हुई सीलिंग कार्रवाई का विवरण उपलब्ध कराया जाए।
जानकारी न देने पर कार्रवाई
हालांकि, प्राधिकरण की ओर से आज तक यह जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। मामले की सुनवाई करते हुए सूचना आयुक्त दलीप कुंवर ने अधिशासी अभियंता पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया है।
वसूली के निर्देश
सूचना आयोग ने आदेश दिया है कि यह जुर्माना राशि लोक प्राधिकारी उपाध्यक्ष द्वारा सूचना अधिकार नियमावली 2013 के नियम-11 के तहत वसूल की जाए और इसकी जानकारी सूचना आयुक्त को उपलब्ध कराई जाए।