यहां मुर्गा और शराब की दावत न देने पर हुआ पानी बंद
– पेयजल वितरण प्रक्रिया पर धांधली के आरोप
– उपजिलाधिकारी को पत्र भेज कर्मचारी को हटाने की माँग
– करोड़ों की योजना के बाद भी पीने को पानी नहीं
– पूर्व में भी होती रही हैं तमाम अनियमितताएं
रिपोर्ट- सूरज लडवाल
चम्पावत जिले के पाटी तहसील मुख्यालय में बीते कुछ दिनों से जलवितरण में धांधली का आरोप सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बना हुआ था। लेकिन आज पीड़ित व्यक्ति ने उपजिलाधिकारी को पत्र भेज विभाग के कर्मचारी को हटाने की माँग की है।
उपजिलाधिकारी को लिखे पत्र के मुताबिक स्थानीय व्यक्ति को जलवितरक द्वारा आश्वासन दिया गया था कि, यगोपवित उपनयन संस्कार में जल नियत समय पर दिया जाएगा।
लेकिन कार्यक्रम के दिन शाम करीब 04:30 बजे पानी की बूँद टपकी। इतना ही नहीं स्थानीय निवासी द्वारा उपजिलाधिकारी को लिखे पत्र में ये भी साफ़ तौर पर लिखा है कि, जलवितरक द्वारा उससे मुर्गा औऱ शराब की डिमांड की गई थी, लेकिन पीड़ित ने मुर्गा औऱ शराब की दावत देने से साफ़ मना किया था। शायद मुर्गा औऱ शराब न देने की वजह से कार्यक्रम में जलापूर्ति बाधित की गई हो।
जिसके बाद बड़ा सवाल उठने लगा है कि, क्या कस्बे में पेयजल के लिए मुर्गा-शराब की दावत देनी जरूरी है। इससे पहले एक दशक तक गर्मियों में पानी का संकट मंडराता रहता था। लोगों की समस्या को देखते हुए बीते वर्ष पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल के अथक प्रयासों से लिफ्ट पेयजल लाइन का निर्माण किया गया।लेकिन करोड़ों की लागत से बनी लिफ्ट पेयजल लाइन होने के बाद भी कई घरों में पानी की बूँद न टपकना वाकई सिस्टम पर सवाल खड़े करता है। बताते चलें कि, बीते लम्बे समय से कस्बे में जल वितरण की समस्या आम बात नहीं हुई है। जिसके कारण लोग समय-समय पर आंदोलन करते रहते हैं। लेकिन संबंधित विभाग कोई ठोस कार्यवाही नहीं करता है।
इन गतिविधियों को लगातार यूँ नजरअंदाज करने से अब तो ऐसा लगने लगा है कि, शायद विभाग के कर्मचारियों ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवा लिया हो।