मामला क्या है?
पौड़ी गढ़वाल की दीक्षा नेगी, टिहरी की नीरू चौधरी और उत्तरकाशी की उषा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जीतने वाले प्रत्याशियों के नाम दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज थे। उन्होंने मांग की कि ऐसे प्रत्याशियों का निर्वाचन रद्द किया जाए और 14 अगस्त को होने वाले ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख और कनिष्ठ प्रमुख चुनाव में उन्हें मतदान से रोका जाए।
इसी तरह, वर्षा राणा, गंगा नेगी, कनिका और त्रिलोक बिष्ट ने भी आरोप लगाया कि उनके विरोधी प्रत्याशी दूसरी जगह से चुनाव जीत चुके हैं और उनके भी नाम दो मतदाता सूचियों में हैं।
पिछला आदेश और विवाद की जड़
11 जुलाई 2025 को शक्ति सिंह बर्त्वाल की याचिका में हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के उस सर्कुलर पर अंतरिम रोक लगाई थी, जिसमें डबल वोटर लिस्ट वाले व्यक्ति को मतदान और चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, तब तक त्रिस्तरीय पंचायत के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, जिसके चलते डबल वोटर वाले कई प्रत्याशी चुनाव में उतर गए और जीत भी गए।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया:
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चुनाव से जुड़ी याचिकाओं का निस्तारण 6 माह के भीतर किया जाए।
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नियमों के तहत जीतने वाला प्रत्याशी कार्यकाल पूरा करेगा।
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नियमों के विरुद्ध जीते प्रत्याशी का कार्यकाल निर्णय आने के बाद रद्द होगा।
चुनावी व्यवस्था पर असर
यह फैसला पंचायत चुनावों में डबल वोटर लिस्ट से जुड़े विवादों को तेज़ी से निपटाने में मदद करेगा और भविष्य में ऐसे मामलों पर कड़ा संदेश भी देगा।