सरकार पर सख्त हाईकोर्ट
– सात दिन के अंदर अस्पतालों में वेंटिलेटर और आईसीयू लगाने के निर्देश
रिपोर्ट- ललित मोहन भट्ट
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में कोरोना से निपटने के लिए डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा और अस्पतालों में आवश्यक वस्तुओं की कमी को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इसके बाद हाईकोर्ट ने सरकार को कोविड-19 घोषित पर्वतीय क्षेत्र के जिला अस्पतालों समेत 15 अधिकृत अस्पतालों में सात दिन के भीतर वेंटिलेटर और आईसीयू लगाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि, सरकार को इससे अधिक समय नहीं दिया जा सकता है। अगर इसमें कोई दिक्कत है तो सरकार के लिए कोर्ट के दरवाजे खुले हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तिथि नियत की।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए राज्य में डॉक्टरों को उचित सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही उनको पूरी सुरक्षा देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने प्रदेश के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा में दी जा रही सुविधा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि, सरकार ने वायरस से लड़ने के लिए डॉक्टरों व संबंधित स्टाफ को दिए गए पीपीई किट मानकों के अनुरूप नहीं है।
याचिका में कहा गया है कि, राज्य के पर्वतीय जिलों सहित जिन 15 अस्पतालों को सरकार ने कोविड-19 समर्पित अस्पताल (डेडिकेटेड अस्पताल) घोषित किया है, उन अस्पतालों में भी आईसीयू और वेंटिलेटर नहीं हैं। जबकि किसी भी कोविड समर्पित अस्पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर अतिआवश्यक हैं। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को राज्य के पर्वतीय जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल सहित जिन 15 अस्पतालों को कोविड-19 समर्पित अस्पताल घोषित किया गया है, वहां सात दिन के अंदर वेंटिलेटर और आईसीयू लगाने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि, अगर इसमें कोई दिक्कत आती है, तो उसे कोर्ट के संज्ञान लाया जाए। कोर्ट ने कहा है किज़ वेंटिलेटर स्थापित करने में और देरी करना ठीक नहीं। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।
इन अस्पतालों को घोषित किया गया है कोविड-19 अस्पताल
बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, यूएस नगर, टिहरी, उत्तरकाशी के जिला अस्पताल, अल्मोड़ा बेस अस्पताल, दून मेडिकल कॉलेज, मेला अस्पताल हरिद्वार, सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी, बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल, बेस अस्पताल कोटद्वार, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को कोरोना अस्पताल के रूप में चिह्नित किया गया है।