डोईवाला
रिपोर्ट- ज्योति यादव
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट की प्रयोजित संस्था हिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) की ओर से जल जीवन मिशन के तहत 30 पब्लिक हेल्थ इंजीनियर को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
मंगलवार को नर्सिग ऑडिटोरियम में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि सेवनिव्त्त आईएफएस गंभी सिंह ने कहा कि पेयजल से मानव का अस्तित्व शुरू होता है। बिना स्वच्छ पेयजल एक स्वस्थ देश व समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। ह्यूमन इंडेक्स में स्वास्थ्य सबसे उपर है और इसमें भी जल पहले है। उन्होंने प्रतिभागी इंजीनियरों को बताया कि अन्य विकसित देशों की अपेक्षा हम और अधिक स्वच्छ जल के मानकों की पूर्ति करने में काफी पीछे है। कहा कि 85 प्रतिशत बीमारी पानी की अशुद्ध् िसे होती है। उतराखण्ड एक पहाडी प्रदेश है जिसमें मैदानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है। पहाडो में पानी की उपलब्धता तो है लेकिन बह कर नीचे आ जाता है। जिसके और अधिक इनोवेटिव टेक्नोलॉजी के माध्यम से पानी को पहाड़ में ही स्टोर करने पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने इजरायल देश का उदाहरण देते हुये कहा कि इजरायल एक ऐसा देश है जहां बारिश बहुत कम होती है। पानी की कमी है। फिर भी उन्होंने इनोवेटिव टेक्नॉलाजी की इस्तेमाल कर अपनी जरूरत के हिसाब के हर तरह की फसल का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया वह ज्यादा से ज्यादा सीखे और उसे व्यवहार में लाये।