भूखे-प्यासे, पैरो में छाले। पैदल ही घरों को जाने लगे मजदूर
रिपोर्ट- सतपाल धानिया
विकासनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिऐ लगाए गए लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड की औद्योगिक नगरी सेलाकुई और पड़ोसी राज्य हिमाचल के पौंटा साहिब में फंसे बाहरी राज्यो के मजदूर अब भूखे-प्यासे पैदल ही अपने गृह राज्यो को लौटने लगे है। नदी और जंगलो के रास्तो से होते हुए मजदूर मुख्य मार्गो पर पहुंचकर पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी नापकर चल रहे है। मजदूरो की हालत बहुत ही दयनीय हो गयी है, मजदूरो से जब उनके बारे में जाना गया तो उन्होंने बताया जहां वो रहते थे वहां उनके पास खाने को कुछ नही बचा था और जिन कंपनियो में यह मजदूर काम करते थे उन्होंने उन्हें कोई भी सैलरी नही दी थी।
अभी तक समाजसेवियों से जो मिला उसे ही खाकर अपना गुजारा कर रहे थे, लेकिन अब उनसे भी कोई मदद नही मिल रही है तो वही सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर इन मजदूरो के पैरो में छाले पड़ गए है। पैर बुरी तरह जख्मी हो गए है। जिससे अब चलना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन इन मजदूरो के सामने पैदल घर पहुंचने के सिवाय कोई रास्ता नही बचा है और ना ही जिन राज्यो के यह मजदूर है, वहां की सरकारो ने भी इन्हें गृह राज्य भेजने के लिऐ ही कोई व्यवस्था की है।
अधिकतर मजदूर उत्तरप्रदेश बिहार और मध्यप्रदेश राज्यो के है जो लंबे समय से इस इंतजार में थे कि, कभी तो उन्हें इनके गृह राज्यो से वापसी के लिऐ कोई वाहन वहां की सरकारो द्वारा भेजा जाऐगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिस वजह से अब हिमाचल और उत्तराखंड में फंसे प्रवासी मजदूरो ने पैदल ही दूरी नापनी शुरू कर दी है, तो वही सरकारो द्वारा प्रवासी मजदूरो को वाहन भेजकर वापस बुलाने के जो दावे किये थे उन दावों की पोल भी खुलती नजर आ रही है।