रिपोर्ट-विजय रावत
यौन उत्पीड़न में फंसा उत्तराखण्ड का आईएएस …
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भले ही नौकरशाहों को नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हो लेकिन सचिवालय में तैनात एक नौकरशाह के कारनामे से उत्तराखण्ड की छवि धूमिल हो रही है। वह नौकरशाह है आईएएस सुशील कुमार। सुशील कुमार सचिवालय में सचिव पद पर तैनात हैं, जिनके पास राजस्व, खाद्य आपूर्ति समेत कई अहम विभागों की जिम्मेदारी है। सुशील कुमार पर एक महिला के साथ धोखाधड़ी से शादी करने का आरोप है। अब जबकि यह महिला दूसरी बार गर्भवती है तो सुशील कुमार से उसे सम्पर्क तोड़ दिया है। पीड़िता ने अपने पांच वर्षीय पुत्र के साथ इच्छा मुत्यु की मांग राष्ट्रपति से की है।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब बिजनौर उत्तर प्रदेश में रहने वाली पीड़ित महिला ने अपना एक वीडियो खुद सोशल मीडिया में वायरल किया। वीडियो में महिला अपने पांच वर्षीय पुत्र को गोद में बैठाकर राष्ट्रपति से खुद को बेटे समेत इच्छा मृत्यु का अधिकार दिए जाने की गुहार लगा रही है।
महिला के मुताबिक वह राजकीय शिक्षिका है। वर्ष 2012 में उसके माता-पिता दोनों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद उसकी परवरिश की जिम्मेदारी उसके अन्य परिजनों के ऊपर आ गई। किसी जानने वाले व्यक्ति की मध्यस्थता के बाद परिजनों ने 19 अगस्त 2012 को उसकी शादी सुशील कुमार से करवा दी। सुशील कुमार आईएएस अफसर हैं जो राज्य सचिवालय उत्तराखण्ड में सचिव के पद पर तैनात हैं।
सुशील कुमार और उनका एक बेटा है जो पांच वर्ष का है। मौजूदा समय में भी वह गर्भवती है। महिला का आरोप है कि सुशील कुमार शादी के बाद उसे कभी अपने पैतृक घर अथवा सरकारी आवास में नहीं ले गए और न ही उन्होंने उसे एक पत्नी के अधिकार दिए हैं। अब पता चला है कि उनकी पहले भी शादी हुई थी। महिला का कहना है कि उन्होंने मुझसे धोखा किया है। साथ ले जाने के लिए दबाव बनाने पर 15 दिन पहले सुशील उनके लड़ाई-झगड़ा करके धमकी देते हुए देहरादून चले गए और फिर उन्होंने उससे सम्पर्क तोड़ दिया। मजबूर होकर उसने पुत्र सहित इच्छा मृत्यु की मांग राष्ट्रपति से की है।
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‘अरे महिला ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की गुहार लगाई है ! मुझे इसकी जानकारी नहीं। मैं उसका हजबैंड हूं। अभी बिजनौर के लिए निकालता हूं। प्लीज, आप समाचार प्रकाशित मत करिए’।
_ सुशील कुमार, सचिव उत्तराखण्ड शासन।