ये है संकेत : मौत के आसपास होने वाले शरीरीय बदलावों को समझने के लिए रिसर्च में कहा जा रहा है कि दो हफ्ते पहले से ही व्यक्ति की सेहत में कमजोरी आना शुरू हो जाती है। इसके साथ ही, व्यक्ति को चलने और सोने में भी परेशानी होने लगती है। आखिरी दिनों में, उसकी खानपान की क्षमता में भी कमी हो जाती है।
इस प्रक्रिया में, दिमाग से विभिन्न केमिकल्स निकलने लगते हैं, जिसमें एंडोर्फिन भी शामिल है, जो व्यक्ति की भावनाओं को बढ़ावा देता है। और जैसे-जैसे मौत के करीब आते हैं, उतने ही ज्यादा स्ट्रेस केमिकल्स बढ़ते जाते हैं, जिससे व्यक्ति में अजीब सी घबराहट का अहसास होता है।
इसी क्रम में, कैंसर से मौत होने वाले व्यक्ति की बॉडी में सूजन आना भी देखा जा रहा है, जबकि मौत की प्रक्रिया के दौरान उसका दर्द कम हो सकता है। एंडोर्फिन के रूप में केमिकल्स का अधिक उत्पन्न होना इसमें एक संभावित कारण हो सकता है।