इंद्रजीत असवाल
लैंसडाउन पौड़ी गढ़वाल
लैंसडाउन : पहाड़ो में पहले से ही गुलदार भालू के आतंक की खबरे सोशल मीडिया पर चलती रहती है लेकिन सम्बंधित विभाग सुनकर भी चुप्पी साधे रहता है। हां यदि जनता हंगामा करती है तो खनापूर्ती के लिए वन विभाग पिंजरे लगा देता है।
आपको बता दे कि पिछले एक सप्ताह से जनपद पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल विकासखण्ड के दर्जनों गाँवो के लोग खूँखार गुलदार के आतंक में जीने को मजबूर हो रखे हैं । पहले बाघ द्वारा कालागढ़ वन प्रभाग में दैनिक वेतनभोगी श्रमिक बृजमोहन को अधमरा किया गया, अब मठाली में भजन सिंह की एक गाय को
सन्दणा में राजेन्द्र बिष्ट की एक गाय व 4 बकरियाँ ,छुम्मी देवी की एक गाय, विधुरगाँव में विजयप्रकाश का एक साँड व 3 बकरियाँ, दुर्गापुर में अनिल बिष्ट का एक बैल, जाख मल्ला में पूनम खन्तवाल की दुधारू देशी गाय, इसके अलावा खुबाणी, मेरूड़ा, सिलवाड़, बड़गाँव, मन्झोला और असनखेत सहित दर्जनों गाँवों में बाघ द्वारा कई मवेशियों को निवाला बनाया गया ।
इस बाघ द्वारा सैकड़ों कच्चे घरों और गौशालाओं में तोड़ फोड़ करने से भी क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। जनसेवा मंच लैंसडौन के संयोजक मनोजदास द्वारा प्रभागीय वनाधिकारी कालागढ़ व पौड़ी से वार्ता कर इस क्षेत्र में पिंजड़े लगाये जाने की माँग की है ।
क्षेत्र में किसी व्यक्ति की जान माल की हानि की स्थिति में दोनों प्रभागों के वनाधिकारियों को जिम्मेदार माना जायेगा ।