गज़ब: सिस्टम डकार गया मनरेगा का पैसा। दर दर भटकने को मजबूर श्रमिक।
चमोली: चमोली मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रो में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की आर्थिकी को सुधारने के साथ ही निर्माण कार्यो में स्थानीयों को वरीयता देने के लिए मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना आने से जहां निर्माण कार्यो में बाहर से श्रमिक लाने का झंझट खत्म हुआ वहीं निर्माण कार्यो में श्रमिक का कार्य कर रहे ग्रामीणों की आर्थिकी में भी सुधार हुआ। लेकिन थराली विकासखंड के चेपडो ग्राम पंचायत की टुनरी तोक की पूनम देवी के लिए मनरेगा जी का जंजाल बन गया।
दरसल पूनम देवी ने मनरेगा के अंतर्गत वर्ष 2016 से 2019 तक श्रमिक के रूप में गांव की विभिन्न योजनाओं में काम किया लेकिन इस अवधि का भुगतान पूनम देवी को 5 साल बीत जाने के बाद भी नहीं हो पाया है ।
आये दिन खंड विकास कार्यालय के चक्कर लगाने और मुख्यमंत्री शिकायत पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराने के बाद पूनम देवी को उनकी मजदूरी और मेहनत का भुगतान नहीं हो पाया है। पूनम देवी के पति हरेंद्र सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 2016 से 2019 तक उनकी पत्नी का लगभग 25 हजार का भुगतान अभी भी विभाग से नहीं हो पाया है।उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा उन्हें आधार कार्ड अपडेट कराने की सलाह दी गयी थी, उनके द्वार आधार कार्ड भी अपडेट कराया गया बैंक अकाउंट भी ठीक है ।
बावजूद इसके उनकी पत्नी को मनरेगा में मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है । वहीं इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर खंड विकास अधिकारी थराली ने सिस्टम का हवाला देते हुए बताया कि श्रमिक का आधार कार्ड pfms में इनएक्टिव दिखायी देने के चलते ये भुगतान नहीं हो पाया था। उन्होंने आश्वस्त किया कि अपडेटेड आधार कार्ड श्रमिक द्वारा जमा कराया गया है जल्द ही पूनम देवी को उनकी मजदूरी का भुगतान कर दिया जाएगा।