लॉकडाउन में भी कानून तार तार
देहरादून। राज्य में लॉकडाउन में भी एक चौपाई समर्थ को नही दोष गुंसाई सटीक साबित हो रही है। बंदी के दौरान अलग-अलग जिलों से आ रही उठक बैठक से लेकर आ रही मारपीट की तश्वीरों से पहले ही कार्यप्रणाली सवालो में थी। एक ओर आम आदमी अपने परिजनों के अंतिम संस्कार अपने दर्शनों को जाने को तरस रहे है। आम आदमी राशन से लेकर पका भोजन प्रशासन को देगा और थाना स्तर से ही इसका वितरण होगा। लेकिन मंत्री पति हो या शासकीय प्रवक्ता व मंत्री मदन कौशिक के करीबों की तश्वीरें कुछ और ही हकीकत बयां रही है। यह तश्वीरें हम इसलिये भी आपको दिखा रहे है ताकि आप समझे छपास के लिये पहाड हो या मैदान नेता जी के करीबी कोई कमी नही छोड रहे है। औऱ जब पार्टी से लेकर सत्ता अपनी है तो कैसा पास और कैसी अनुमति की जरूरत है।
बता दें कि, राज्यमंत्री रेखा आर्य जिनके पास महिला बाल विकास जैसे अहम विभाग के चर्चित पति मुंह पर भगवा मास्क पहने है। लिहाजा कुछ अधिक कहने की जरूरत नही फिर भी मंत्री जी के पति का परिचय उनके चेले देते दिख रहे है। मंत्री जी के पति भी कहते दिख रहे है कि पहचाना नही मुझे! अब आम जनता कोई अंतर्यामी तो है नही, जो समझ पाए। मंत्री जी के पति आटा दे गये वो भी एक्सपायर था लेकिन मंत्री जी के पति थे तो क्या करता प्रशासन भी।
दूसरा नजारा राज्य के ताकतवर मंत्री एवं प्रवक्ता मदन कौशिक की विधानसभा हरिद्वार से है। यूं तो आम आदमी जो अपनी जेब से पैसा खर्च करके थाना पुलिस अथवा प्रशासन को राशन दे रहा है वितरण के लिये ज्बकि नेता जी के परिचितों को पूरी आजादी है और प्रचार प्रसार का ध्यान रखा जा रहा है। लिहाजा पैम्फलेट भी बांटे जा रहे है। आप देखिये और सुनिये कैसे एहसान जताया जा रहा है। वीडियो में वार्ड संख्या 10 से पार्षद दिलीप जौली बताए जा रहे है।
बरहाल राज्य में मदद करने से ज्यादा क्रेडिट औऱ फोटो खींचवाने की होड नेताओ में मची हुई है। मुसीबत की इस घडी में मदद का नही फायदे का भाव अधिक दिख रहा है। सवाल ये भी है कि, यदी बंदी है तो मंत्री के पैम्फलेट किस प्रेस से छपे या वो पुराने रखे हुये थे।