देहरादून: थोक केंद्रीय उपभोक्ता सहकारी भंडार (हरिद्वार) का एक और मामला सामने आया है। यहां पर तत्कालीन भंडार सचिव केपी अवस्थी ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ लालच और गलत मंशा के चलते नियम विरुद्ध बिना किसी विभागीय आदेश अनुमति के बिना किसी व्यक्तिगत पत्रावली तैयार किए बगैर ही चंदन संबल नाम के युवक को उपभोक्ता भंडार कार्यालय में लाकर भंडार कार्यालय मे नियुक्ति दे दी। इसके साथ ही उपस्थिति पंजिका रजिस्टर में हाजिरी लगवाना शुरू कर दिया। सवाल उठे तो हरिद्वार के अपर जिला सहकारी अधिकारी ने इस मामले की जांच की।
जांच के आधार पर पाया गया कि जो व्यक्ति सरकार द्वारा, विभाग द्वारा नियुक्ति नहीं किया गया हो ऐसे व्यक्ति से तत्कालीन सचिव केपी अवस्थी द्वारा किसके कहने पर या किसके दबाव में संस्था के सरकारी दस्तावेज उपस्थिति रजिस्टर में हाजिरी लगवाई गई , यह एक बड़ा सवाल है ! चंदन संबल द्वारा 1 जनवरी 2021 से 5 फरवरी 2021 तक लगातार कार्य किया गया और बाकायदा हाजिरी भी लगाई गई।
अपर जिला सहायक अधिकारी ने पाया कि चंदन संबल का वेतन तब तक नही निकला था लेकिन विभागीय रजिस्टर में उनकी हाजिरी लगाई जा रही थी।
अपर जिला सहकारी अधिकारी ने भविष्य में इस तरह की पुनरावृति न करने की सख्त हिदायत देते हुए यह नियुक्ति खारिज कर दी।
विभागीय कर्मचारी सवाल उठा रहे हैं कि इस प्रकरण की भी जांच होनी चाहिए। साथ ही आजकल बैक डोर से की गई भर्तियों की भी जांच चल रही है। इसी प्रकार केपी अवस्थी ने भी उपभोक्ता भंडार में बैक डोर से चंदन संबल नाम के युवक की बैक डोर से भर्ती करने का पूरा प्रयास किया है, ऐसे मे सचिव केपी अवस्थी के विरुद्ध सहकारिता मंत्री और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को कड़ी कार्रवाई कर निलंबित कर देना चाहिए, ताकि यह भ्रष्ट अधिकारी ऐसे किसी भी गलत कार्य को अंजाम ना दे सके।
इस मामले में जब हस्तक्षेप ने तत्कालीन भंडार सचिव केपी अवस्थी से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा किसी भी तरह की ना कोई नियुक्ति दी गई और ना ही कोई वेतन जारी किया गया।
जब केपी अवस्थी से हस्तक्षेप द्वारा रजिस्टर में लगी चंदन संबल की हाजिरी के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि हाजिरी लगवाने का काम भंडार ग्रह के स्टोर कीपर का होता है, जिसका मुझे कोई अंदाजा नहीं है।