उत्तराखंड में जहां एक तरफ उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में हुवे भर्ती घोटाले की जांच चल रही है तो कहीं भ्रष्टाचार के आरोप में अधिकारी सस्पेंड हो रहे हैं।
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की आज इस प्रदेश को जिसे जैसे मौका मिल रहा है वह उत्तराखंड को उस प्रकार निचोड़ रहा है, ताजा मामला पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा तल्ला बनास के पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रधान पति का है, जिन पर ग्रामीणों द्वारा गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी है,और आग्रह किया गया है की इस की उच्च स्तर्य जाँच हो, ग्रामीणों ने विनोद नेगी पर मनरेगा जॉब कार्ड में अनियमितता करने से लेकर स्वजल, एलपीडी, स्वचालय, कृषि विभाग की घेर बाड़ योजना आदि में भ्रष्टाचार से लेकर बारात घर को राशन डीलर को किराये में दीये जाने के आरोप लगाये हैं।
शिकायत पत्र में कहा गया है कि अपने पैसें से 50 से अधिक शौचालय ग्रामीणों द्वारा खुद बनाए गए थे, किंतु इन शौचालयों को मनरेगा के तहत निर्मित दिखाकर पूर्व प्रधान विनोद नेगी ने प्रत्येक शौचालय के लिए 12000 की मिलने वाली धनराशि खुद डकार ली और शौचालय मालिक को एक भी पैसा नहीं दिया इसके लिए उन्होंने मजदूरों के खाते में यह धनराशि मंगवाई बाद में 500 रुपए छोड़कर बाकी धन उनसे वापस ले लिया है।
इसी कड़ी में मनरेगा के तहत ग्रामसभा तल्ला बनास में पेयजल स्रोत निर्माण में भी गड़बड़ी का आरोप पूर्व प्रधान पर लगा है, ग्रामीण मदनलाल के खाते में ₹12000 भेजे गए और बाद में पूरे पैसे उससे वापस ले लिए गए, विनोद नेगी ने सरकारी धन की खुद तो बंदरबांट की ही साथ में अपने चहेतों को भी इसका भरपूर लाभ दिलवाया, ब्लॉक द्वारा आवंटित सोलर लाइट को सार्वजनिक स्थलों पर लगाने के बजाय कुछ अपने चहेतों के वहां लगवा दी तो कुछ अपने निजी स्थान पर लगवा दी, विनोद नेगी द्वारा पानी के कनेक्शन के लिए प्रत्येक परिवार से ₹5000 लिए गए लेकिन पूर्व प्रधान ने अपने व अपने चहेतों के घर व्यक्तिगत कनेक्शन लगवा कर उसे सार्वजनिक दिखा दिया, बकरी बाड़ी योजना के तहत जिन लोगों को धन का आवंटन दिखाया गया उनको कभी वह धन मिला ही नहीं है।