करोड़ो रूपये ख़र्च से मसूरी फ़िल्म कॉनक्लेव का उद्धघाटन किस लिए किया जा रहा है वो अभी भी उत्तराखंड के कलाकारों के लिए असमंजस का विषय बना हुआ है आखिर जिस उद्धघाटन में उत्तराखंड के सिनेमा के बारे में विस्तृत चर्चा करनी थी उसी कॉन्क्लेव में उत्तराखंड के कुछ गिने-चुने ही कलाकारों को आमंत्रित किया गया। बाकी उत्तराखंड के कलाकारों को ऐसे दरकिनार किया गया जैसे उत्तराखंड की सिनेमा में उनका कोई योगदान ही नही। अब यह तो उत्तराखंड के ज्ञानी मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं कि करोड़ो के इस फ़िल्म कॉनक्लेव में जहां उत्तराखंड फिल्म जगत और संस्कृति पर चर्चा करनी थी उसी चर्चा में उत्तराखंड के कलाकारों को क्यों आमंत्रित नहीं किया गया । गौरतलब हो पूर्व में उत्तराखंड फिल्म जगत से जुड़े संस्थाओं द्वारा उत्तराखंड सरकार पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे थे। इसी के चलते सरकार से कई मांगें भी उत्तराखंड फिल्म टेलीविज़न एंड रेडियो एसोसिएशन व उफ़्तारा अध्यक्ष प्रदीप भंडारी द्वारा की गई थी। लेकिन कहीं जदो-जहद के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह मामला संज्ञान में लिया ।
आख़िरकार उत्तराखंड कलाकारों को लगा कि सरकार द्वारा एक सराहनीय कदम उठाया गया है जिसमें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मसूरी में फ़िल्म कॉनक्लेव का आयोजन किया जा रहा है
2 नवंबर को उफ़्तारा अध्यक्ष प्रदीप भंडारी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक में एक वीडियो पोस्ट की जिसमें उन्होंने इस बात का खुलासा किया। इस वीडियो में उन्होंने उत्तराखंड फिल्म ,लोक कलाकार और उत्तराखंड सरकार के बारे में बात की उन्होंने बताया -‘उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के पूर्व 8 नवंबर को होटल सवॉय मसूरी में एक फिल्म कॉन्क्लेव होने जा रहा है उन्होंने कहा उत्तराखंड फिल्म टेलीविज़न एंड रेडियो एसोसिएशन(UFTARA ) लगातार वर्षों से उत्तराखंड के फिल्म विकास, लोक कलाकारों के हित के लिए, उनके अधिकारों के लिए, उनके हकों के लिए आवाज उठाता आ रहा है।
पिछले तीन महीने से लगातार कलाकारों के हित के लिए उत्तराखंड सरकार के कई मंत्रियों से मिले हैं। सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले और फिर उन्हें ज्ञापन दिया। मगर ये कलाकारों की बदकिस्मती है कि जिन्होंने ऐसे समारोह के लिए ज्ञापन दिया उन्हें ही इस समारोह में ही नहीं बुलाया गया।
इसी विषय पर जब उत्तराखंड फिल्म जगत को अलग पहचान दिलाने वाली उत्तराखंड वीर सपूत के ऊपर बनी मूवी 72 आवर्स के प्रोड्यूसर तरुण रावत से बात की गई तो तरुण बताया उन्हें किसी प्रकार का भी इनविटेशन प्राप्त नहीं हुआ है साथ ही तरुण ने बताया कि अगर इस प्रकार के समारोह उत्तराखंड में होते है तो सबसे पहले यहां के कलाकारों को वरियता दी जानी चाहिए ।
यह समारोह उत्तराखंड फिल्म जगत के बारे में व लोक कलाकारों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चाओं के लिए किया गया था मगर करोड़ो खर्च करके आपने उत्तराखंड के कलाकरो को आमन्त्रण न भेज के उनकी भावनावों को ठेस पहुँचाया है।