मेडिकल कॉलेज कर रहे है हाईकोर्ट की अवमानना।
छात्र आमरण अनशन करने पर मजबूर।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबंध निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा न्यायालय एवं विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश के बावजूद बड़ी फीस को लेकर किए जा रहे हैं छात्रों के उत्पीड़न के विरोध में उत्तराखंड मेडिकल छात्र संघ का विश्वविद्यालय गेट पर चल रहा धरना अनवरत जारी है।
छात्रों का आरोप है कि उत्तराखंड में कई निजी मेडिकल कॉलेज मंत्रियों उनके रिश्तेदारों तथा रसूखदारों के हैं जिसके चलते सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रही है।
छात्रों का आरोप है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने सन 2015 में बढ़ी हुई फीस ना लेने का आदेश दिया था लेकिन निजी मेडिकल को कॉलेज आज भी छात्रों पर बढ़ी हुई फीस के लिए दबाव डाल रहे हैं।
विगत 26 सितंबर को कुलपति तथा विश्व विद्यालय स्टाफ और निजी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के बीच हुई बैठक में सहमति बनी थी कि बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डाला जाएगा और उनकी बैक परीक्षा के फार्म भरने में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
छात्रों का आरोप है कि इस बैठक में हुए निर्णय को निजी कॉलेज प्रबंधन अब नहीं मान रहे हैं । छात्रों को बैक पेपर फॉर्म नहीं भरने दिया जा रहा है और बढ़ी हुई फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है।
आक्रोशित छात्रों का कहना है कि यदि उनकी समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया तो वह आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।