लॉकडाउन में कर्णप्रयाग से यूपी के बिजनौर पहुचीं नाबालिग लड़की
– कोटद्वार पुलिस ने पूरी सुरक्षा के साथ करायी घर वापसी
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। देशभर में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए हुए लॉकडाउन में जहां एक तरफ लोग अपने स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर चिंतित है, घरों में कैद है। लेकिन इस दौरान सोशल मीडिया से लोग दूर होकर भी अपनों से जुड़े हुए है उनका हालचाल जान रहे है। इसी सोशल मीडिया से लॉकडाउन में दोस्त बनी दो लड़कियों की दोस्ती इस कदर परवान चढ़ गई की बिजनौर जनपद के किरतपुर निवासी गुलनाज के कहने पर उसकी कर्णप्रयाग निवासी नाबालिग सहेली सब्जी के ट्रक में बैठकर चोरी चुपके कर्णप्रयाग से किरतपुर पहुच गयी।
कुछ दिन साथ रहने के बाद जब गुलनाज व उसके परिवार को लगा कि ये दूसरे धर्म की लड़की है और ये बात किसी को पता चलती है या नाबालिग लड़की के परिजन ही उसे ढूंढते हुए यहां पहुचते है तो बात काफी बढ़ सकती है। और इसी बात के डर से गुलनाज के परिजनों ने लड़की को यूपी-उत्तराखण्ड बॉर्डर पर दिल्ली फार्म के नजदीक उत्तराखण्ड की सीमा पार कराने की पूरी तैयारी कर ली थी, तभी दोनों राज्यों की पुलिस द्वारा इस मामले में उनसे पूछताछ की गई कि, वो कहा से आये है कहा जा रहे है, आने और जाने का कारण क्या है और राज्य की सीमा पार करने की अनुमति ली है अथवा नही।
पूरा मामला सुनने के बाद यूपी पुलिस द्वारा इसमें उत्तराखण्ड की कोतवाली कोटद्वार पुलिस से कहा गया कि, ये आपके राज्य से आई है इसकी सारी जिम्मेदारी आपकी बनती है। आप ही देखिये इस लड़की को इसके घर पहुंचाना है या फिर कोटद्वार में रखना है। इस बात की सूचना दिल्लीफार्म स्तिथ कोतवाली कोटद्वार की पुलिस ने कोतवाल मनोज रतूड़ी को दी। जो मौके पर पहुचे, जहां दोनों राज्यों की पुलिस व गुलनाज के परिवार वाले मौजूद थे। कोतवाल मनोज रतूड़ी ने बिना अनुमति के किरतपुर पहुचीं नाबालिग लड़की से पूछा कि तुम यहा क्यो आयी थी और गुलनाज को कबसे जानती हो तो नाबालिग लड़की खुलकर कुछ भी साफ नही बोल रही थी।
लेकिन यूपी पुलिस द्वारा इस बारे में जानकारी दी गयी कि, दोनों लड़कियों की दोस्ती सोशल मीडिया पर हुई थी और तब गुलनाज जो कि बालिग है। उसी के कहने पर कर्णप्रयाग से उसकी सहेली किरतपुर पहुचीं। जिसके बाद कोटद्वार कोतवाली पुलिस द्वारा नाबालिग लड़की को खाना खिलाकर उसका मेडिकल कराया गया और गुलनाज के परिवार और यूपी पुलिस के एक सिपाही के साथ वापस उसे सही सलामत कर्णप्रयाग भेज दिया गया।