जैसे-जैसे उत्तराखंड फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना रहा है उसी प्रकार से अब यहां के वाद्य यंत्र भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने लगे हैं ।
यूं तो उत्तराखंड के वाद्य यंत्र ढोल- दमाऊ ,मशकबीन का उपयोग कई फ़िल्म में हो चुका है जैसे मशकबीन वाद्य यंत्र आपने सलमान की मूवी एक था टाइगर में देखा होगा ।
अब हुड़का और मोरचंग जो उत्तराखंड का एक बहुत ही पौराणिक वाद्य यंत्र है और अब विलुप्ति के कगार पर भी है ,कुछ ही लोग इन वाद्य यंत्र के बारे में जानते होंगे,
विलुप्त हो रहे इन वाद्य यंत्र को फ़िल्म सौम्य गणेश ने एक नई पहचान दी है
पदमा सिद्धि और जेएसआर बैनर तले बनने वाली फिल्म सौम्य गणेश में इसकी धुन सुनाई देगी। उत्तराखंड की विलुप्त हो रही संस्कृति को बचाने की यह एक बहुत ही बेहतरीन पहल है फ़िल्म के डायरेक्टर अविनाश ध्यानी ने बताया की “सौम्या गणेश” भारत की पहली फिल्म है जिसमें उत्तराखंड वाद्य यंत्र हुड़का और मोरचंग का प्रयोग हो रहा है, उन्होंने बताया कि फ़िल्म के को-प्रड्यूसर सचिन गर्ग की ये इच्छा थी कि ज्यादातर शूटिंग जब उत्तराखंड में हो रही है तो फ़िल्म में यंहा के लोकल वाद्य यंत्रों का भी प्रयोग किया जाए , फिर लोकल फोक आर्टिस्ट को बुलाया गया और म्यूजिक डायरेक्टर संजोय बोस को यंहा के लोकल इंस्टॉमेन्ट हुड़का और मोरचंग कि धुन बहुत पसंद आई। तो अंत मे ये फैसला लिया गया कि फ़िल्म में इन दो लोकल वाद्य यंत्रों को उपयोग किया जाएगा।
और साथ ही साथ अविनाश ने यह भी बताया कि उत्तराखंड से उनका गहरा नाता है इसलिए वो ज्यादातर फिल्मे उत्तराखंड में करते है यंहा की सुंदरता,यंहा की संस्कृति को वो दुनिया के सामने लाना चाहते है,उत्तराखंड को वो फ़िल्म इंडस्ट्री में इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म देना चाहते है। आगे भी इसी प्रकार की फ़िल्म भविष्य में लाते रहेंगे और उत्तराखंड की पहचान फिल्म जगत में बनाते रहेंगे।