उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा निदेशक आरके कुंवर की माता का निधन। उनका सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में रहा बड़ा योगदान
रिपोर्ट- मनोज नुदिय
कोटद्वार। उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा निदेशक आरके कुंवर की माता का 88 वर्ष में आज दिनांक 15 अगस्त 2020 को अपने मूल गांव ग्राम जुलगढ़ आदिबद्री जनपद चमोली में निधन हुआ है। इनके 3 पुत्र हैं सबसे बड़े पुत्र राकेश कुमार दूसर बृजेश कुमार कुंवर पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख, ब्लॉक गैरसैण तथा तीसरा पुत्र अरुण कुमार कुंवर, जनता इंटर कॉलेज भयांसू देवी खाल पौड़ी गढ़वाल में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं। इनकी एक पुत्री मीना कुंवर पडियार जो कि राजकीय इंटर कॉलेज आदिबद्री में अध्यापिका है। मीना पडियार के पति डॉक्टर ताजबर सिंह पडियार शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं, जिनका जनपद चमोली के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत रहने के साथ लेखन, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में बड़ा योगदान रहा है।
डॉक्टर पडियार के द्वारा रचित पुस्तक नंदा देवी राज जात इतिहास एवं यात्रा वर्णन में स्वर्गीय उषा कुंवर का एवं स्वर्गीय मनोहर सिंह कुंवर का अविस्मरणीय योगदान रहा है। शिक्षा निदेशक महोदय की माता उषा कुंवर जोकि पूर्व में बेसिक पाठशाला कर्णप्रयाग में अध्यापिका रह चुकी है। जिन्होंने आज से लगभग 40 वर्ष पूर्व स्वैच्छिक अपने पद से त्यागपत्र दिया था, जनपद चमोली के ब्लॉक अध्यक्ष के मूल निवासी कुंवर का मूल गांव जुलगढ़ है। कुंवर के इस पद पर पहुंचने में उनकी माता का बड़ा योगदान रहा है।
बचपन की शिक्षा दीक्षा कुंवर की गांव में होने के कारण माता का इनकी प्राथमिक शिक्षा में बड़ा योगदान रहा है। सरस्वती का इनके ऊपर इतना बढ़ा आशीर्वाद है कि, इनके परिवार से 6 और बहू बेटियां बच्चे वर्तमान में शिक्षा विभाग में भिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं। शिक्षा के प्रति इनका इतना समर्पण था कि, राजकीय इंटर कॉलेज आदिबद्री की अस्थापना में इनके पति एवं ससुर के द्वारा निशुल्क भूमि भी विद्यालय को दान की गई है। जिसके फल स्वरुप 2017 में उत्तराखंड सरकार द्वारा उक्त विद्यालय को इनके स्वर्गीय ससुर के नाम से किया गया है। एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफीसर्स एसोसिएशन उत्तराखण्ड भी इस दुःख की घड़ी में निदेशक महोदय के शोकाकुल परिवार के साथ दुःखी है।