देहरादून: थराली की पूर्व विधायक और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी शाह का शुक्रवार सुबह देहरादून के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले तीन माह से गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। इलाज पहले दिल्ली और बाद में देहरादून में हुआ, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। आज चमोली जिले के कर्णप्रयाग संगम तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा—
“थराली की पूर्व विधायक और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुन्नी देवी शाह जी के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत की आत्मा को श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।”
30 जुलाई को मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून अस्पताल में उनसे मुलाकात कर स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
2018 में उपचुनाव जीतकर बचाई थी बीजेपी की प्रतिष्ठा
मुन्नी देवी शाह ने 2018 में चमोली जिले की थराली विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर बीजेपी को प्रतिष्ठा की जीत दिलाई थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रोफेसर जीत राम को 1,981 मतों के अंतर से हराया था। यह सीट उनके पति और तत्कालीन विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थी।
राजनीतिक सफर और योगदान
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1971 में जन्मी मुन्नी देवी शादी के बाद महिला मंगल दल से जुड़ीं।
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2014 में कोठली से जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं।
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बाद में चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं।
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2017 में पंचायती राज विभाग द्वारा सम्मानित हुईं।
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2018 में थराली उपचुनाव जीता।
2022 में नहीं मिला टिकट
2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और भूपाल राम टम्टा को प्रत्याशी बनाया। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। टम्टा ने चुनाव जीतकर बीजेपी को सफलता दिलाई।