देहरादून: वित्त सेवा संवर्ग में उत्तराखंड वित्त सेवा संवर्ग के अंतर्गत भिन्न-भिन्न आदेशों के माध्यम से 2 मार्च 2022 से 15 जुलाई 2022 वित्त संवर्ग के 60 अधिकारियों को पदोन्नत किया गया, किंतु ताज्जुब की बात यह है की पदोन्नत अधिकारियों की तैनाती के आदेश आज तक निर्गत नहीं किए गए।
सभी आदेशों में पदोन्नत अधिकारियों के पदोन्नति आदेश कालांतर में प्रथक से निर्गत किए जाएंगे,अग्रिम आदेशों तक उक्त अधिकारी अपना मूल एवं अतिरिक्त कार्यभार का निर्वहन यथावत करेंगे।
ऐसी भी क्या मजबूरी की अधिकारियों को पदोन्नत कर तैनाती नहीं दी गई। अधिकारी पदोन्नत होने के बाद जूनियर पदों पर कार्य कर रहे हैं, जिससे कि कहीं ना कहीं उनके मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
साथ ही पदोन्नति से 30 पद खाली हो गए हैं, उनमें सहायक लेखा अधिकारी,लेखा अधिकारी को पदोन्नत किया जाना था, जिससे जूनियर अधिकारी हैं उन्हें पदोन्नति नहीं मिल पा रही। जो अकाउंटेंट थे उनके भी पदोन्नति के रास्ते बंद हो गए हैं, क्योंकि उनसे उच्च अधिकारियों के ही पदोन्नत नहीं हुई है।
साथ ही एक लंबे समय से उत्तराखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा वित्त अधिकारी की उपयोगिता को शायद समझा गया होता तो कहीं ना कहीं बैक डोर भर्तियों पर वित्त अधिकारी का भी अंकुश होता और इतनी बैक डोर भर्तियां नहीं होती।
पूर्व में जगदीश चंद्रा वित्त संवर्ग सेवाओं से है वह विधानसभा में ही अटैच हो गए, उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल के समय रमेश चंद्र शर्मा वित्त अधिकारी तथा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल के कार्यकाल में गंगा प्रसाद वित्त अधिकारी के रूप में शासन द्वारा आदेश किए गए,किंतु दोनों अध्यक्षों के द्वारा अधिकारियों को ज्वाइन नहीं कराया गया।
सूत्रों से पता चला की वर्तमान में भी वित्त अधिकारी की विधानसभा मे नियुक्ति की फाइल एक महा से लंबित है क्यों की मंत्री जी को उत्तराखंड से “प्रेम”नही है।