लापरवाही: यहां सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा। व्यक्ति ने कर दिए 11 दुकानों के ढांचे खड़े..पढ़े
“सरकारी विभागों के अफसर और कर्मचारी इतने लापरवाह होते हैं कि उन्हें ये भी पता नहीं रहता कि विभाग की जमीन पर कब्जा हो गया है. ऐसा ही मामला ऋषिकेश में सामने आया है. यहां एक दुस्साहसी व्यक्ति ने सिंचाई विभाग की जमीन पर 11 दुकानों के ढांचे खड़े कर दिए. अब सिंचाई विभाग नींद से जागा है “
ऋषिकेश: सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा कर उस पर एक ग्रामीण ने दुकानों का निर्माण करते हुए कॉलम खड़े कर दिए. विभागीय अधिकारियों को इसका पता ही नहीं चला. मामला प्रशासन तक पहुंचा, तो आनन-फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे. उन्होंने निर्माण रुकवाकर अब संबंधित ग्रामीण को नोटिस जारी किया है. नोटिस में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने की बात विभाग ने कही है।
सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जा
गुमानीवाला ग्रामसभा में सिंचाई विभाग की कैनाल के पास करीब 160 वर्ग मीटर जमीन पर पहले कब्जा हुआ. इसके बाद ग्रामीण ने इस जमीन पर 11 दुकानों के निर्माण के लिए सीमेंट के कॉलम खड़े कर दिए. एसडीएम सौरभ असवाल को विभागीय भूमि पर कब्जे की शिकायत मिली तो उन्होंने सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए.सिंचाई विभाग की जमीन पर बना दी 11 दुकानें: सिंचाई विभाग के जिलेदार यशवंत कठैत ने मौके पर पहुंचकर दुकानों के निर्माण को रुकवाया. अवर अभियंता संजीव सिंह के मुताबिक मामले में जमीन को बेचने की जानकारी भी मिली है. मामले में अुर्जन नौटियाल को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें दो दिन का समय दिया गया है. भूमि पर हक संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिलता है, तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
यह तो कब्जे हैं, अतिक्रमण कई जगह है
गुमानीवाला में सिंचाई विभाग की एक कैनाल की ही करीब 0.3200 हेक्टेयर जमीन है, जिसकी तीन पट्टी विभाग ने बताई हैं. कैनाल के आसपास ज्यादातर जमीन पर मौजूदा वक्त में कब्जा बताया जा रहा है. मगर अतिक्रमण होने के दौरान कार्रवाई नहीं होने से विभागीय अधिकारियों की भूमिका सवालों में है. दिलचस्प यह भी है कि विभाग के जिलेदार यशवंत कठैत को यह तो पता है कि विभाग की जमीन कितनी है, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है कि आखिर कितनी भूमि पर अतिक्रमण है. स्थानीय लोगों की मानें, तो कई स्थानों पर विभाग की जमीन पर कब्जा किया गया है।
एसडीएम ने कहा
नियमानुसार नोटिस जारी कर संबंधित से जवाब मांगा गया है. यह तो तय है कि उक्त भूमि विभाग की है. नोटिस का उत्तर संतोषजनक नहीं होने पर हर हाल में निर्माणाधीन दुकानों के स्ट्रक्चर को ध्वस्त किया जाएगा।