रवि गुप्ता
मंडल ब्यूरो चीफ (बरेली)
पीलीभीत। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने संघ के 100 वर्ष पूर्ण करते हुए विजयदशमी पर्व को शताब्दी वर्ष के रूप में बनाया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी वर्ष 1925 में विजयदशमी (दशहरा) से संघ की शुरुआत की थी तब से प्रारंभ होकर निरंतर देश को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहा है।
माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने डाक टिकट एवं 100 का सिक्का संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर राष्ट्र को समर्पित किया। 100 वर्ष काम पूरे होने की उपलक्ष में संघ द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत एक सभा एवं पथ संचालन किया गया।
शहर के अशोक नगर स्थित में सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मंचासीन अतिथियों में मुख्य वक्ता प्रांत सेवा प्रमुख चंदन रहे,विभाग संघ चालक ओम प्रकाश गंगवार,कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनवरत 100 वर्ष पूर्ण होने पर एवं विजय दशमी तथा महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर कार्यक्रम में उपस्थित समस्त लोगों को अवगत कराया कि
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक संगठन नहीं एक विचारधारा है, जो समस्त समाज को विभिन्न सेवाओं के माध्यम से देने का कार्य कर रही है परम पूज्य डॉक्टर केशव राव बाल्याम हेडगेवार के द्वारा विजयदशमी के शुभ अवसर पर संघ की स्थापना नागपुर में की गई थी। जो निरंतर राष्ट्र उत्थान एवं व्यक्ति उत्थान में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है राज्य सर्वोपरि का भाव अपने हृदय में रखकर देश एवं दुनिया में स्वयंसेवक अपनी सेवाएं देने का कार्य कर रहे हैं।
वर्ष 1925 में नागपुर से चलता हुआ यह स्वयं सेवी संगठन देश ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में विभिन्न सेवाओं के माध्यम से अपना कार्य कर रहा है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मूल मंत्र है शाखा जहां पर नियमित योग, व्यायाम किया जाता है।
द्वितीय संघ संचालक पर सदाशिव राव गोलवलकर रहे जिनके अधिक परिश्रम एवं दूरदर्शी सोच ने राष्ट्र एवं संगठन को नई दिशा देने का कार्य किया।
तृतीय गुरु तृतीय संघ संचालक बालासाहेब देवराज रहे जिनकी प्रेरणा से अनेको स्वयंसेवकों ने राष्ट्र भावना से प्रेरित होकर राजस्थान में अपना योगदान दिया।
चतुर्थ संचालक राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) रहें, जिनका जीवन स्वयं सेवकों को सेवा के माध्यम से आगे बढ़ाने का था,आज वह हमारे बीच नहीं मगर उनके विचार विचारों की शक्ति सदैव नवयुवाओं को प्रेरित करते रहेगी।
वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ चालक मोहन राव भागवत जी द्वारा अपने लंबे कार्यकाल में वह निरंतर संघ का कार्य देख रहे हैं। जिनकी प्रेरणा से संघ द्वारा संचालित पंच परिवर्तन की पावन बेला संघ और समाज को प्रभावित कर रही है। मुख्य तौर पर पंच परिवर्तन में पहला नागरिक कर्तव्य, दूसरा कर्तव्य कुटुम्ब प्रबोधन, तीसरा कर्तव्य सामाजिक समरसता, चौथा कर्तव्य पर्यावरण संरक्षण एवं पांचवा कर्तव्य स्वदेशी का पालन है। ऐसे पंच परिवर्तन को साथ में लेकर संघ अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास निरंतर कर रहा है!
इन्हीं प्रयासों के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी द्वारा कोरोना में भी जब संपूर्ण विश्व कॉविड महामारी से जूझ रहा था वहां पर स्वयंसेवक अपनी प्राणों की चिंता ना करते हुए इस बड़ी बीमारी को हराने के लिए अनेकों क्षेत्र में जाकर अपनी सेवा के माध्यम से स्वयंसेवक होने के साथ देशहित में अपनी सेवाएं देने का कार्य किया।
संघ नें अपने इस 100 वर्ष की लम्बी यात्रा में कई बार उत्पीड़न सहा हजारों कार्यकर्ताओं को यातनाएं दी गईं, कई बार बिना सबूत के जेल भेजा गया। और कई बार संघ पर प्रतिबंध लगाया गया मगर संघ के सेवकों के दृढ़ संकल्प से राष्ट्र की भावना से उत्प्रोत होकर आज संघ अपने वट वृक्ष के रूप में संपूर्ण समाज के सामने प्रस्तुत होकर खड़ा है इन पंच परिवर्तन में समाज को समाहित करने का प्रयास निरंतर कर रहा है और करता रहेगा जब तक संघ और समाज की विचार एकमत नहीं हो जाते तब तक संघ अपने अटल संकल्प के साथ इन पंच परिवर्तन के मूल मंत्र को लेकर आगे बढ़ता रहेगा।
इस पथ संचलन में सह विभाग प्रचारक अमित, सह विभाग सेवा प्रमुख हरिओम गंगवार,नगर प्रचारक कुलदीप कुमार,जिला व्यवस्था प्रमुख अंकुर अग्रवाल, नगर कार्यवाहक अरविंद शर्मा,कृष्ण कुमार, विभाग संगठन मंत्री विश्व हिन्दू परिषद,प्रिंस गौड़,भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह जिला महामंत्री लेखराज भारती दिनेश पटेल,स्वतंत्र देवल,जगदीश सक्सेना,केशव वैश्य,सागर देवल, प्रतीक सक्सेना,अमित पाठक, अमित शर्मा, कृष्ण कुमार शर्मा, नंद किशोर कश्यप, मनोज पाण्डेय, संजीव शर्मा उर्फ छुट्टन, अंशुमान, गौरव कुमार,पारस सिह,महेश पाठक,मुदित अग्रवाल, जमुना प्रसाद,अंशुमान तिवारी, अंकुर गुप्ता, हरीश ढुलवानी,महेंद्र राणा,संत राम शिशु मंदिर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेन्द्र पाल सहित सैकड़ों स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही।