रिपोर्ट–रवि गुप्ता
पीलीभीत। जनपद पीलीभीत के चिरौंजी लाल वीरेंद्र पाल सरस्वती विद्या मंदिर के मीटिंग हॉल में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 कार्यक्रम आयोजित किया गया। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका लक्ष्य डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना एवं व्यक्तियों को सुरक्षित एवं जिम्मेदारी से तकनीक का उपयोग करते हुए स्वयं को सशक्त बनाना ही परम उद्देश्य है।
ज्ञात हो कि पूर्ण निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सरस्वती विद्या मंदिर में प्रातः 11:00 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का संचालन दुर्गेश कुमार के द्वारा किया गया जिसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार द्वारा मार्गदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन का कार्यक्रम जिला अधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमित कुमार द्वारा किया गया और साथ ही डीआईओएस राजीव कुमार, जिला कारागार अधीक्षक राजेश कुमार पांडेय एवं चिरौंजी लाल वीरेंद्र पाल सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य सुभाष कुमार द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय के बच्चों के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। तदोपरान्त उपस्थित सभी अतिथियों को बैच एवं बुके देकर सम्मानित एवं स्वागत किया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को हम अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मानते है, जिसमें मौलिक मानवाधिकारों और आजीवन सीखने के लिए एवं साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहते हैं किंतु अब डिजिटल युग है अब हमें अपनी दैनिक जीवन को भी डिजिटल साक्षरता के अंतर्गत डिजिटल बनना होगा।
वहीं उपस्थित सीडीओ राजेंद्र श्रीवास्तव द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि 08 सितंबर 1967 को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की शुरुआत की गई थी,जिसका उद्देश्य साक्षरता को एक मौलिक मानव अधिकार आजीवन सीखने का साधन और वास्तव में समस्त शिक्षा की नींव के रूप में स्थापित करना था। उन्होंने अपने उद्बोधन में आगे बताया कि दुनिया भर में अनुमानित लगभग 75 करोड़ व्यक्ति ऐसे हैं जो पढ़ नहीं सकते और उनमें से दो तिहाई महिलाएं ऐसी हैं जो अभी अशिक्षित हैं।
सीडीओ के उद्बोधन के पश्चात वहां उपस्थित मास्टर ट्रेनरो को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रशस्ति पत्र मिलने वालों में वसीम राशिद, सखावत हुसैन, सुनील कुमार, इजहार अशरफ, गोपाल कृष्ण वर्मा, प्रवीण कुमार, राजकुमार, अनुज कुमार शर्मा, अग्मवीर सिंह, दीपक कुमार, अमनदीप सिंह, उषा रानी, नगर क्षेत्र ब्लॉक से लतीफ उर रहमान एवं अब्दुल फहीम अंसारी, पूरनपुर ब्लाक से कपिल मिश्रा एव रावेद्र प्रसाद को जिलाधिकारी द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रशस्ति पत्र वितरण होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मुख्य अतिथि जिलाधिकारी को आमंत्रित किया गया कि वह उपस्थित सभी लोगों को अपने उद्बोधन से जागरूक करें।
पीलीभीत जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह द्वारा अपने उद्बोधन में जागरुक करते हुए बताया कि प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया निरक्षरता से जुड़ी वैश्विक चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक दिन समर्पित है साक्षरता केवल पढ़ने लिखने तक सीमित नहीं है यह एक बुनियादी कौशल है जो व्यक्तियों को समझ में पूर्ण रूप से भाग लेने के लिए सुच्य निर्णय लेने और व्यक्तिगत एवं सामाजिक विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाता है। इस दिन साक्षरता को बढ़ावा देने पढ़ने को प्रोत्साहित करने और साक्षरता असमानताओं से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रम सेमिनार और अभियान आयोजित किए जाते हैं। सरकारी संगठन स्कूल और व्यक्ति साक्षरता के लिए एकजुट होकर एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए काम करते हैं जहां सभी को एक आवश्यक कौशल हासिल करने का अवसर मिले। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमें याद दिलाता है की साक्षरता न केवल एक बुनियादी मानव अधिकार है बल्कि व्यक्तिगत विकास आर्थिक समृद्धि और सामाजिक समर सत्ता का एक प्रमुख प्रेरक भी है। यह सामूहिक कार्यवाही का आवाहन करता है कि ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की कोई भी पीछे ना छूटे सभी को एक उज्जवल और अधिक समावेशी भविष्य के लिए साक्षरता की शक्ति का उपयोग करने का अवसर मिले। इन्हीं बातों के साथ अपनी बात को समाप्त करते हुए उन्होंने सभी को एक संकल्प दिलवाया की सभी लोग साक्षरता कार्यक्रम में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें साथ ही डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एक शपथ भी दिलवाई। साथ ही ने उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि जिले के किसी भी सरकारी विद्यालय में कोई भी बच्चा जमीन पर बैठा नहीं मिलेगा सबके लिए पर्याप्त फर्नीचर के लिए सभी ग्राम प्रधानों को अवगत करा दिया गया है एवं इसके लिए प्रत्येक विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी टीम द्वारा पर्याप्त फर्नीचर की व्यवस्था कराई जाएगी।
कार्यक्रम में उपस्थित पीलीभीत जिला कारागार के जिला अधीक्षक (जेलर) द्वारा अपने वक्तव्य में बताया गया कि साक्षरता एक ऐसा साधन है जो ज्ञान आर्थिक अवसर और समाज में भागीदारी की क्षमता प्रदान करता है यह व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तर पर विकास का उत्प्रेरक है। कार्यक्रम को सफल बनाने में खंड शिक्षा अधिकारी एवं जिला समन्वयक, एवं शिक्षकों का सहयोग रहा।