प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध बेहद चिंताजनक : कपूर
– ‘महिला उत्पीड़न और ‘महिला सुरक्षा’ की बात करने वाले ही कर रहे महिलाओं का उत्पीड़न: कपूर
– रीजनल पार्टी ने उठाया महिला सुरक्षा का मुद्दा, आंदोलन की चेतावनी

देहरादून। महिला उत्पीड़न और महिला सुरक्षा की बात करने वाले ही महिलाओं का उत्पीड़न करने में शामिल है। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में महिलाओं का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शिकायत दर्ज करने के बजाय उनका उत्पीड़न करने वालो को ब्लॉक करना बेहतर समझती है, बावजूद इसके कुछ सिरफिरे बाज नहीं आते।
रीजनल पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी पंकज कपूर ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर सरकार का ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि, प्रदेश में लगातार बढ़ रहे महिला अपराध बेहद चिंताजनक है। बीते वर्ष 2024 में उत्तराखंड में 822 दुष्कर्म, 164 महिला अपहरण तथा 25 दहेज हत्या, कुल 1011 गंभीर महिला अपराध के मामले दर्ज हुए है।
मीडिया प्रभारी कपूर ने बताया कि, वर्ष 2025 में अब तक राष्ट्रीय महिला आयोग में महिला अपराध की 7,698 शिकायतें दर्ज हुई है, इनमें सबसे ज़्यादा शिकायतें घरेलू हिंसा, मारपीट और आपराधिक धमकी से जुड़ी हुई है।
गौरतलब है कि, साल की शुरुआत से अब तक घरेलू हिंसा के 1,594 मामले दर्ज हुए हैं। जो कि, जनवरी में 367, फरवरी में 390, मार्च में 513, अप्रैल में 322 और मई में दो शिकायतें सामने आईं। जो कि, कुल शिकायतों का करीब 20 फ़ीसदी है।
वहीं आपराधिक धमकी से जुड़ी 989 मामले दर्ज हुए है, जो कि, जनवरी में 268, फरवरी में 260, मार्च में 288, अप्रैल में 170 और मई में तीन शिकायतें दर्ज हुईं।
जनवरी में 249, फरवरी में 239, मार्च में 278, अप्रैल में 183 और मई में एक मामला कुल 950 शिकायतें मारपीट से जुड़ी हुई दर्ज की गई है। जबकि दहेज प्रताड़ना के 916, बलात्कार या बलात्कार की कोशिश के 394, और छेड़छाड़ या महिलाओं की गरिमा भंग करने से जुड़े 310 मामले दर्ज किए है। साथ ही यौन उत्पीड़न की 302 शिकायतें दर्ज की गईं, जबकि साइबर अपराधों से जुड़े 110 मामले राष्ट्रीय महिला आयोग में दर्ज हुए है।
रीजनल पार्टी के मीडिया प्रभारी कपूर ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि, वर्ष 2024 में NCW के पोर्टल पर 25,743 शिकायतें दर्ज हुई थीं। यह आंकड़ा सिर्फ इतना ही नहीं कई शिकायतें तो कहीं पर भी दर्ज नहीं हुई, अपनी अस्मिता बचाने के लिए कई लड़कियां/महिलाएं शिकायत करने से डरती है और ऐसे मामलों पर चुप्पी साधना बेहतर समझती है। इसी बात का फायदा उठाकर कुछ लोग उनका लगातार शोषण करते है।
कपूर ने कहा कि, राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य स्तर तक महिला अपराध और महिलाओं का शोषण करने बेहद गंभीर मुद्दा बन गया है। ऐसा कोई दिन नहीं जब नाबालिग/महिला से छेड़छाड़, दुष्कर्म, उनका शोषण या उनको बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का कोई मामला सामने नहीं आता।
हैरानी की बात तो यह कि, बड़े-बड़े मंचो से जो राजनैतिक लोग महिला सशक्तिकरण की बात करते है, महिला सुरक्षा की बात करते हैं, वह भी इसमें शामिल है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। जिस प्रकार धामी सरकार ने प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून, भू-कानून जैसे ठोस कानून उत्तराखंड के हित में लागू किये है, ठीक उसी प्रकार से महिलाओं से संबंधित भी सख्त कानून बनाना चाहिए ताकि ऐसे अपराधों को करने से पहले लोग सोचने पर मजबूर हो कि इसके बाद उनका हश्र क्या होगा।
इस मामले में रीजनल पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर वार्ता करेगा और महिलाओं के लिए ‘सख्त महिला सुरक्षा कानून’ बनाने की मांग करेगा। यदि सरकार ने इस पर जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया तो पार्टी द्वारा पूरे उत्तराखंड में ‘सख्त महिला सुरक्षा कानून’ बनाने की मांग को लेकर व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा, और महिलाओं का उत्पीड़न, बढ़ते महिला अपराधों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।