डोईवाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड में दिए जाने के विरोध में उत्तराखंड क्रांति दल अस्पताल परिसर में ही बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
धरना प्रदर्शन के पहले दिन विभिन्न जन संगठनों और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने भी जनहित के मुद्दे को अपना समर्थन देते हुए धरना प्रदर्शन में प्रतिभाग किया।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल के बैनर तले वह तथा उनके तमाम कार्यकर्ता तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक सरकार इसे पीपीपी मोड से वापस नही ले लेती। यदि सरकार ने 24 घंटे के अंदर इस पर निर्णय नहीं लिया तो फिर धरना स्थल पर उपवास शुरू किया जाएगा।
सेमवाल ने कहा कि सरकार ने अस्पताल में सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर वोट दिया था लेकिन सरकार ने जनता को मेडिकल माफिया के हवाले कर दिया।
धरने को अपना समर्थन देने आए सपा प्रवक्ता फुरकान अहमद ने कहा कि इस अस्पताल की बदहाली के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं।
राजनीतिक द्वेष भावना के तहत कांग्रेस ने अस्पताल के उच्चीकरण का बजट निरस्त कर दिया और त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे राजनीतिक एहसान उतारने के लिए निजी हाथों में सौंप दिया।
धरने को अपना समर्थन देने आए सामाजिक कार्यकर्ता विजय बख्शी ने कहा कि वह इस धरने को अपना पूरा समर्थन देते हैं और उन्होंने सरकार से इसका कॉन्ट्रैक्ट तत्काल निरस्त करने की मांग की।
महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष बीना नेगी ने कहा कि पहले इस अस्पताल में सर्जरी भी होती थी लेकिन अब छोटे-मोटे इलाज के लिए भी हजारों रुपए निजी अस्पतालों में खर्च करने पड़ रहे हैं।
राकेश तोपवाल ने कहा कि मरीजों को बुखार खांसी की दवाई के लिए भी बाहर से दवाइयां लेनी पड़ती है तथा जांच के नाम पर ही हजारों रुपए निजी डायग्नोस्टिक सेंटर को देने पड़ रहे हैं।
आज धरने पर नगर अध्यक्ष राकेश तोपवाल, महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष बीना नेगी, नगर संगठन मंत्री महिला मोर्चा लक्ष्मी देवी, वार्ड अध्यक्ष शशि बाला, नगर उपाध्यक्ष भावना मैठाणी, माजरी मंडल अध्यक्ष जीवानंद भट्ट, लक्ष्मी नेगी, सीमा रावत, पेशकार गौतम, गुड्डू सोलंकी, प्रमोद डोभाल, सिद्धार्थ, अश्वनी, बाबूलाल गौतम, सुनील कुमार शर्मा, नीति शर्मा, राजू, गुड्डू, रणजीत सिंह आदि उपस्थित रहे।