खाली पड़े भूखंडों पर जबरदस्ती टैक्स थोपे जाने पर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। प्रदेश के पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी एवं महापौर हेमलता नेगी ने प्रदेश सरकार के द्वारा नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत स्थित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं खाली पड़े भूखंडो पर टैक्स लगाये जाने के विरोध में जनजागरण अभियान चलाते हुए लोगों से आगामी 21 नवम्बर 2020 तक आपत्ति दर्ज करवाने की अपील की है। जनजागरूकता अभियान के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने टैक्स के विरोध में नगर निगम में दर्ज आपत्ति की एक प्रति महापौर एवं पूर्व काबीना मंत्री को भी सौंपी।
विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि, वर्तमान में प्रदेश सरकार ने पुराने नगर पालिका क्षेत्र एवं अब नगर निगम में सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं खाली पड़े भूखंडों पर जबरदस्ती टैक्स थोपे जाने की अधिसूचना जारी कर दी गयी है, अगर प्रदेश सरकार के द्वारा जारी अधिसूचना के विरोध में लिखित आपत्ति दर्ज नहीं करवायी जायेगी तो आने वाले समय में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों एवं खाली पड़े हुए भूखंडों पर टैक्स लगाने की प्रक्रिया अमल मे आ जायेगी। जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
महापौर हेमलता नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा 21 अगस्त 2019 को भी आदेश जारी कर नगर निगम में टैक्स लगाने की बात कही गयी थी, लेकिन उन्होंने उक्त आदेश को लागू करने से पहले टैक्स लगाये जाने को लेकर जनसुनवाई करवाने की बात करते हुए बोर्ड के प्रस्ताव को शासन को भेज दिया था, उसके बावजूद भी प्रदेश सरकार लोगों पर जबरदस्ती टैक्स लगाने को लेकर आमादा हो रखी है।
नगर निगम बोर्ड के दबाव के चलते अब प्रदेश सरकार के निर्देश पर अंतिम सूचना जारी करते हुए जनसुनवाई के लिए एक माह का समय दिया गया था, जोकि 22 नवम्बर 2020 को समाप्त हो जायेगी। महापौर हेमलता नेगी ने कोटद्वार भाबर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि, वे हर हाल में व्यावयायिक प्रतिष्ठानों एवं भूखंडों पर टैक्स लगाये जाने के विरोध में अपनी लिखित आपत्ति आगामी 21 नवम्बर 2020 तक नगर निगम कार्यालय में व्यक्तिगत तौर पर जमा करवा दें। क्षेत्र भ्रमण के दौरान पार्षद सूरज प्रसाद कांति के नेतृत्व में भी बड़ी संख्या में लोगों ने महापौर एवं पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी को आपत्तियां सौंपी।